Saturday, April 27, 2024

British government

देहरादून नहरों के बाद बाग भी इतिहास बनने की ओर

अंग्रेज पहली बार 1815 में देहरादून आए। गढ़वाल के अपदस्थ राजा मानवेन्द्र शाह के अनुरोध पर अंग्रेजों ने गढ़वाल पर कब्जा किए बैठे गोरखों को कई जगहों पर परास्त किया। अंतिम लड़ाई देहरादून के पास खलंगा में हुई। कई...

धार्मिक कट्टरपंथियों के तीखे आलोचक थे नेताजी सुभाषचन्द्र बोस

देश इस साल नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की 125वीं जयंती मना रहा है। इसी के मद्देनजर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घोषणा के अनुसार 23 जनवरी को नेताजी के जन्मदिवस को ‘पराक्रम दिवस' के रूप में मनाया इस वर्ष से मनाये...

पश्चिम बंगाल का चुनाव: वर्गीय संघर्ष को सांप्रदायिकता की चादर से ढकने की कोशिश

क्या पश्चिम बंगाल विधानसभा का चुनाव हिंदू-मुसलमान के सवाल पर लड़ा जाएगा? क्या खुलेआम जनसभा करके हिंदू और मुसलमानों से मजहब के आधार पर वोट मांगा जाएगा? अगर ऐसा होता है तो यह पश्चिम बंगाल के इतिहास में पहला...

जयंतीः शहादत के बाद भी अंग्रेज सरकार थर्राती थी गेंदालाल से

देश की आजादी कई धाराओं, संगठन और व्यक्तियों की अथक कोशिशों और कुर्बानियों का नतीजा है। गुलाम भारत में महात्मा गांधी के अंहिसक आंदोलन के अलावा एक क्रांतिकारी धारा भी थी, जिससे जुड़े क्रांतिकारियों को लगता था कि अंग्रेज...

सुप्रीम कोर्ट, माफी का आग्रह और महात्मा गांधी

ट्वीट से 'न्यायपालिका की चूलें हिल गई हैं,' ऐसा माननीय न्यायमूर्तियों ने 14 अगस्त को प्रशांत भूषण को अवमानना का दोषी ठहराते हुए कहा था। भारतीय न्यायपालिका के ऊपर कभी केरल हाई कोर्ट के एक समारोह में बोलते हुए...

आदिवासियों के नायक गुंडाधुर

बस्तर। छत्तीसगढ़ के बस्तर में 110वां बुमकाल स्मृति दिवस मनाया जा रहा है। 1910 का महान बुमकाल आंदोलन बस्तर के इतिहास में सबसे प्रभावशाली आंदोलन था। इस विद्रोह ने बस्तर में अंग्रेजी सरकार की नींव हिला दी थी। पूर्ववती...

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ग्राउंड रिपोर्ट: किसानों की जरूरत और पराली संकट का समाधान

मुजफ्फरपुर। “हम लोग बहुत मजबूर हैं, समयानुसार खेतों की जुताई-बुआई करनी पड़ती है। खेतों में सिंचाई तो स्वयं कर...