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बीच बहस
देश की फ़िज़ा से आज भी यह आवाज़ आती है कि ‘डरो मत’
पारंपरिक परिवार, रूढ़िवादी समाज से लेकर देश-दुनिया की तमाम हुक़ूमतें, सत्ता की तरफ़ से पैदा किए गए डर के ज़रिए चलायी जाती हैं। रामचरित मानस के महाकवि तुलसी दास ने भी सामान्य मनोविज्ञान को एक विशेष परिघटना के दौरान...
बीच बहस
राजनीतिक विराटता के साथ अद्भुत थी गांधी जी की सामाजिक व्यापकता
बीसवीं सदी के इतिहास पर जब भी चर्चा छिड़ेगी, महात्मा गांधी की स्थिति उस कालखंड की सबसे महत्वपूर्ण शख्सियत के रूप में मानी जायेगी। उनका योगदान भारत के स्वाधीनता संग्राम में तो है ही, पर उनका सबसे बड़ा योगदान...
बीच बहस
भारत में समृद्ध रहा है किसान आंदोलनों का इतिहास
26 नवम्बर को किसानों का दिल्ली कूच कार्यक्रम है। वे वहां पहुंच पाते हैं या नहीं यह तो अभी नहीं बताया जा सकेगा, लेकिन तीन नए कृषि कानूनों के असर देश की कृषि व्यवस्था पर पड़ने लगे हैं। धान...
संस्कृति-समाज
गांधी जयंती पर विशेष: बतख मियां न होते तो गांधी युग भी न होता
भारत की आज़ादी के आंदोलन की वैश्विक पहचान के पीछे महात्मा गांधी का महत्वपूर्ण व्यक्तित्व है और आज उनका जन्मदिन अहिंसा दिवस के रूप में पूरी दुनिया में मनाया जाता है। 1917 में स्थानीय किसानों की समस्या को देखने...
Latest News
ग्राउंड रिपोर्ट: किसानों की जरूरत और पराली संकट का समाधान
मुजफ्फरपुर। “हम लोग बहुत मजबूर हैं, समयानुसार खेतों की जुताई-बुआई करनी पड़ती है। खेतों में सिंचाई तो स्वयं कर...
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