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बीच बहस

देश की फ़िज़ा से आज भी यह आवाज़ आती है कि ‘डरो मत’

पारंपरिक परिवार, रूढ़िवादी समाज से लेकर देश-दुनिया की तमाम हुक़ूमतें, सत्ता की तरफ़ से पैदा किए गए डर के ज़रिए चलायी जाती हैं। रामचरित मानस [more…]

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बीच बहस

राजनीतिक विराटता के साथ अद्भुत थी गांधी जी की सामाजिक व्यापकता

बीसवीं सदी के इतिहास पर जब भी चर्चा छिड़ेगी, महात्मा गांधी की स्थिति उस कालखंड की सबसे महत्वपूर्ण शख्सियत के रूप में मानी जायेगी। उनका [more…]

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बीच बहस

भारत में समृद्ध रहा है किसान आंदोलनों का इतिहास

26 नवम्बर को किसानों का दिल्ली कूच कार्यक्रम है। वे वहां पहुंच पाते हैं या नहीं यह तो अभी नहीं बताया जा सकेगा, लेकिन तीन [more…]

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संस्कृति-समाज

गांधी जयंती पर विशेष: बतख मियां न होते तो गांधी युग भी न होता

भारत की आज़ादी के आंदोलन की वैश्विक पहचान के पीछे महात्मा गांधी का महत्वपूर्ण व्यक्तित्व है और आज उनका जन्मदिन अहिंसा दिवस के रूप में [more…]