इतिहास के सर्वाधिक पतनशील दौर में है भारतीय अभिजनों की राजनीति
(झूठ, फरेब, पाखंड, घृणा, नफरत, लालच, दंभ और अहंकार आदि अनादि नकारात्मक प्रवृत्तियों के मिलने से ही किसी फासीवादी जमात के चरित्र का निर्माण होता [more…]
(झूठ, फरेब, पाखंड, घृणा, नफरत, लालच, दंभ और अहंकार आदि अनादि नकारात्मक प्रवृत्तियों के मिलने से ही किसी फासीवादी जमात के चरित्र का निर्माण होता [more…]
‘मानव इतिहास के किसी अभागे क्षण में हमने ये तय किया कि हमें नग्नता विचलित करेगी पर युद्ध सहज लगेगा’ ‘किताब घर’ के पेज से [more…]
राजनीति का आम सहजबोध यह है कि सत्ता की निरंकुशता लोकतंत्र का निषेध है। लोकतंत्र राजनीतिक सत्ता का गठन तो करता है, लेकिन उसे निरंकुश नहीं होने [more…]
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के कारण एशिया की अर्थव्यवस्था सबसे अधिक प्रभावित होने जा रही है। यहां की जीडीपी शून्य [more…]
कोरोनो ने पूरी दुनिया को तो संकट में डाला ही है भारत को कुछ विशेष संकट में डाल दिया है। भारत में कोरोनो 31 जनवरी को [more…]
आज अभी से कुछ देर बाद सुबह 9 बजे पीएम देश को पुनः सम्बोधित करेंगे। विषय कोरोना आपदा ही होगा। इसी विषय पर वे पहले [more…]
(दिल्ली में तबलीगी मामले को मीडिया, सरकार और प्रशासनिक एजेंसियाँ जिस तरह से सांप्रदायिक रूप दे रही हैं उससे देश का एक बड़ा हिस्सा बेहद [more…]
धर्म और सांप्रदायिकता का सवाल भगत सिंह की शहादत की इस नवासीवीं सालगिरह पर क्या हम सबको इस विषय पर गंभीर चिंतन की जरूरत आ [more…]
अमर शहीद गणेश शंकर विद्यार्थी सिर्फ महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ही नहीं थे, बल्कि हिन्दी पत्रकारिता के शिखर पुरुष भी माने जाते हैं। लोकमान्य बाल [more…]
दिल्ली चुनाव का शोर अब पूरी तरह थम चुका है लेकिन देश की राजधानी में होने वाली इस सियासी जंग की गूंज लंबे अवधि तक [more…]