सोचिये लेकिन, आप सोचते ही कहां हो!

अगर दुनिया सेसमाप्त हो जाता धर्मसब तरह का धर्ममेरा भी, आपका भीतो कैसी होती दुनिया न होती तलवार की धारतेज़…

बेंगलुरू हिंसा: सभ्य समाज में नहीं है धार्मिक कट्टरता का कोई स्थान

धर्मान्धता न केवल उस व्यक्ति और समाज की उनके धर्म के प्रति समझ को बताती है बल्कि वह व्यक्ति की…

जो अशोक किया, न अलेक्जेंडर उसे मोशा द ग्रेट ने कर दिखाया!

मैं मोशा का महा भयंकर समर्थक बन गया हूँ। कुछ लोगों की नज़र में वे भले ही कापुरुष हों लेकिन…

इतिहास के सर्वाधिक पतनशील दौर में है भारतीय अभिजनों की राजनीति

(झूठ, फरेब, पाखंड, घृणा, नफरत, लालच, दंभ और अहंकार आदि अनादि नकारात्मक प्रवृत्तियों के मिलने से ही किसी फासीवादी जमात…

‘पेंटिंग्स’ बैन करने वाले फेसबुक के लिए सांप्रदायिक, नफ़रती, नस्लवादी पोस्ट है ‘राइट टू फ्री स्पीच’

‘मानव इतिहास के किसी  अभागे क्षण में हमने ये तय किया कि हमें नग्नता विचलित करेगी पर युद्ध सहज लगेगा’…

निरंकुशता के स्रोत, प्रतिरोध के संसाधन

राजनीति का आम सहजबोध यह है कि सत्ता की निरंकुशता लोकतंत्र का निषेध है। लोकतंत्र राजनीतिक सत्ता का गठन तो करता है,…

क्या मध्यम वर्ग ने सांप्रदायिकता को ही सर्वोच्च प्राथमिकता और रोज़गार समझ लिया है ?

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के कारण एशिया की अर्थव्यवस्था सबसे अधिक प्रभावित होने जा रही…

कोरोना ने उतार दिया हम सबका भी नक़ाब

कोरोनो ने पूरी दुनिया को तो संकट में डाला ही है भारत को कुछ विशेष संकट में डाल दिया है। भारत…

पीएम को एकालाप के बजाय करनी चाहिए प्रेस कांफ्रेंस

आज अभी से कुछ देर बाद सुबह 9 बजे पीएम देश को पुनः सम्बोधित करेंगे। विषय कोरोना आपदा ही होगा।…

अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए सरकार कर रही है तबलीगी जमात घटना की सांप्रदायीकरण की कोशिश: माले

(दिल्ली में तबलीगी मामले को मीडिया, सरकार और प्रशासनिक एजेंसियाँ जिस तरह से सांप्रदायिक रूप दे रही हैं उससे देश…