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संस्कृति-समाज

जोश व फ़िराक़ की चंद यादें: फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

जोश साहब से पहली मुलाकात साल 1936 में हुई, जब तरक़्क़ीपसंद मुसन्निफ़ीन की पहली कॉन्फ्रेंस के दौरान उस अंजुमन की दाग़बेल डाली जा रही थी। [more…]

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राजनीति

यह देश पहले भी कुछ कम अंधेरों से नहीं गुजरा, लेकिन कभी हारा नहीं, आगे भी नहीं हारेगा: विजय बहादुर सिंह 

देश के हिन्दी के जाने-माने आलोचकों में से एक विजय बहादुर सिंह को आमतौर पर उनकी देशज प्रतिमानों की सुगंध वाली आलोचना दृष्टि, भवानीप्रसाद मिश्र [more…]

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ज़रूरी ख़बर

संघर्षों और बलिदानों से भरा पड़ा है हिंदी पत्रकारिता का इतिहास

1826 की 30 मई को कोलकाता की आमड़ातल्ला गली से प्रकाशित अल्पजीवी हिंदी पत्र उदन्त मार्तण्ड ने इतिहास रचा था। यह साप्ताहिक पत्र था। पत्र [more…]

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संस्कृति-समाज

डॉ.कमला प्रसाद: प्रगतिशील आंदोलन का अनथक योद्धा

सज्जाद जहीर और भीष्म साहनी के बाद प्रगतिशील लेखक संघ को एक नई दिशा व ऊर्जा देने वाले डॉ. कमला प्रसाद पांडेय समूची साहित्यिक बिरादरी [more…]

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लेखक

अलविदा शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी! दास्तानगोई को जिंदा कर खुद बन गए दास्तां

1995 के आस-पास का वक्त रहा होगा। किसी बातचीत में उनकी लाइब्रेरी का ज़िक्र सुना था। इलाहाबाद के घर में उनकी लाइब्रेरी के क़िस्से की [more…]

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संस्कृति-समाज

श्रद्धांजलि: साहित्य का बड़ा कोना खाली कर गए नंदकिशोर नवल

12 मई को लब्धनिष्ठ आलोचक नंदकिशोर नवल का 83 वर्ष की उम्र में जाना एक ऐसे हिंदी साहित्य हस्ताक्षर का जाना है जिन्होंने ताउम्र अग्रज [more…]