चार्वाक दर्शन का मूल मंत्र है ‘कर्ज़ लो घी पियो’। नव उदारवाद या आर्थिक उदारीकरण का भी मूलमंत्र कमोवेश यही है। अब कर्ज़े पर आधारित विकासवाद में कर्ज़े पर कर्ज़ा, नए काम पर नए काम, देखने सुनने में बड़ा...
निजीकरण का राजनैतिक अर्थशास्स्त्र समझने के लिए किसी राजनैतिक अर्थशास्त्र में विद्वता की जरूरत नहीं है। सहजबोध (कॉमनसेंस) की बात है कि कोई भी व्यापारी कभी घाटे का सौदा नहीं करता, न ही उसका काम जनकल्याण या देश की...