दल-बदल का ‘ज़मीर-फरोश कारोबार’ और फैलती शव संस्कृति

पिछले एक अर्से से लोकतांत्रिक व्यवस्था के वाहक -संचालक गिद्ध गिरोह में बदलते जा रहे हैं। यह गिरोह शवों की …

कमलनाथ न घर के रहे, न घाट के!

यह बात और है कि मौजूदा मोदी सरकार के इस अमृतकाल में हर चीज संभव है। चाहे वह किसी भ्रष्ट…

राजस्थान में गढ़ी जा रही संविधान की नई परिभाषा

राजस्थान में जारी राजनीतिक घमासान सुप्रीम कोर्ट-हाईकोर्ट के साथ राजभवन के बीच राजस्थान फुटबाल बन गया है। न्यायपालिका और राजभवन…

दल-बदल अनैतिक ही नहीं बल्कि जनमत का अपमान भी है

सत्ता की ऐसी भूख कि केन्द्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी द्वारा एक के बाद एक लगातार स्थिर सरकारों को…

स्पीकरों की मनमानी से आयाराम-गयाराम की चांदी

माना जाता रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष पद पर आसीन होते ही व्यक्ति दलीय भावना से ऊपर उठ जाता है।…