सरकार से सवाल करना देश पर उंगली उठाना नहीं होता

एक खामोश जनता शायद वफादार लगे, लेकिन एक सवाल पूछने वाली जनता ही देश को न्यायपूर्ण, आज़ाद और ज़िंदा रखती…

बूढ़े लोकतंत्र में युवा आंदोलन का स्मरण

(वरिष्ठ पत्रकार अम्बरीश कुमार और अरुण कुमार त्रिपाठी ने मिलकर 1974 के जेपी आंदोलन पर एक किताब संपादित की है।…

जातीय जनगणना: लोकतंत्र के आईने में बराबरी की मुकम्मल तस्वीर की तलाश

यह वक़्त इतिहास के उस मोड़ पर खड़ा है जहां आंकड़े सिर्फ़ संख्या नहीं, सदियों से दबे हुए दर्द की…

जब अदालतों पर सियासत की उंगली उठे- लोकतंत्र के आईने पर एक सियाह धब्बा

बयान कभी-कभी महज़ अल्फ़ाज़ नहीं होते, बल्कि वो आईना होते हैं, जिसमें किसी शख़्स की नीयत, सियासत और सोच की…

जेपी की संस्था की स्वर्ण जयंती पर उठा सवाल, क्या भारतीय लोकतंत्र आईसीयू में है और वह अपनी अंतिम सांसें ले रहा है?

नई दिली। आज से करीब 50 साल पहले जयप्रकाश नारायण ने दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में नागरिक समाज की…

‘मिश्राजी प्रकरण’: बनारस की सियासत में घुला ज़हर, जब विरोध करना अपराध और लोकतंत्र चुपचाप सज़ा बन गया !

वाराणसी। बनारस, एक ओर ज्ञान, शांति और सहिष्णुता की नगरी; दूसरी ओर आज की राजनीति में आरोप, प्रत्यारोप और हिंसा…

अँधेरनगरी के लोकतंत्र से राजतंत्र बनने की कहानी

अँधेरनगरी आज अगर एक खुशहाल राज्य है, और अगर यहां के नागरिक अपने रोटी-कपड़ा-मकान-रोजगार-शिक्षा-स्वास्थ्य जैसी तुच्छ भौतिक आवश्यकताओं के मकड़-जाल…

लोकतंत्र को सशक्त बनाने के प्रयास और संवैधानिक मूल्य

वी-डेम इंस्टीट्यूट की भारत के संबंध में रपट, जो द हिंदू में प्रकाशित की गई है, में कहा गया है कि “यह रेखांकित…

इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश की रेप पर टिप्पणी शर्मनाक

इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश द्वारा हाल ही में की गई यह टिप्पणी कि एक व्यक्ति द्वारा कथित रूप…

पंच-पतियों को आने दो!

ये लो कर लो बात। भगवा भाइयों के राज में भी ऐसा अत्याचार हो रहा है। छत्तीसगढ़ में पारसबाड़ा गांव…