dr br ambedkar
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सामंती-पूंजीवादी व्यवस्था में अम्बेडकर और दलित राजनीति
Janchowk -
डॉ. भीमराव अम्बेडकर असमानता, दासता, अन्याय, जातीय और धार्मिक उत्पीड़न जैसी सामाजिक विसंगतियों के मुखर विरोधी रहे क्योंकि इन सामाजिक विसंगतियों से उपजी पीड़ाओं को उन्होंने ख़ुद भोगा था। इसीलिए उन्होंने इन सामाजिक विसंगतियों के ख़िलाफ़ आजीवन संघर्ष भी...
पहला पन्ना
दलित लिटरेचर फेस्टिवल: दलित साहित्य पढ़े बिना आप मनुष्य नहीं बन सकते
नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के साउथ कैंपस के आर्यभट्ट कॉलेज में दो दिनों तक देश भर से आए दलित साहित्यकारों, चिंतकों, फिल्मकारों और लोक कलाकारों ने दलित साहित्य-संस्कृति पर चिंतन मनन किया। 3-4 फरवरी को आयोजित इस कार्यक्रम के...
बीच बहस
परिवर्तनशील, प्रयोगधर्मी व निरंतरता के गांधी
जब यह फ्रेम गांधी जी के लिए है ही नहीं तब क्यों उनकी प्रासंगिकता पर चिंतन किया जाए। ऐसा चिंतन फिजूल की क़वायद ही होगी।यह सही है, कोई भी नायक-महानायक अपने, चिंतन, विचारधारा और क्रिया में समय-समाज सापेक्ष होते हैं।...
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वामपंथी हिंसा बनाम राजकीय हिंसा
सुरक्षाबलों ने बस्तर में 29 माओवादियों को मुठभेड़ में मारे जाने का दावा किया है। चुनाव से पहले हुई इस घटना में एक जवान घायल हुआ। इस क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय माओवादी वोटिंग का बहिष्कार कर रहे हैं और हमले करते रहे हैं। सरकार आदिवासी समूहों पर माओवादी का लेबल लगा उन पर अत्याचार कर रही है।
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