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ज़रूरी ख़बर

व्यक्तिवाद-परिवारवाद और समाजवाद अपनी जगह, चुनाव में चाहिए संविधानवाद

जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में चुनाव का बहुत महत्व होता है। हम सब हर पल किसी-न-किसी तरह के चुनाव में लगे रहते हैं। सब से [more…]

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बीच बहस

विचारहीनता, अवसरवाद, परिवारवाद और व्यक्तिवाद ने बहुजन राजनीति को भोथरा बना दिया

महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और बिहार की जमीन पर, सदियों से सताए दलित और पिछड़ों की राजनैतिक ऊर्जा को दक्षिणपंथी विचारधारा ने छल-बल, सत्ता, खौफ और [more…]

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राज्य

झारखंड चुनावः जनता के मुद्दे नहीं परिवारवाद के सहारे वैतरणी पार करने की कोशिश

वैसे तो जब भी राजनीति में परिवारवाद की चर्चा होती है तो गांधी परिवार यानी नेहरू परिवार ही निशाने पर होता है, जबकि क्षेत्रीय या राष्ट्रीय [more…]