Thursday, April 18, 2024

familyism

व्यक्तिवाद-परिवारवाद और समाजवाद अपनी जगह, चुनाव में चाहिए संविधानवाद

जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में चुनाव का बहुत महत्व होता है। हम सब हर पल किसी-न-किसी तरह के चुनाव में लगे रहते हैं। सब से ज्यादा चुनावी पल मोबाइल के साथ जुड़ा दिखता है। ‎‎चुनाव विकल्पों में से किसी...

विचारहीनता, अवसरवाद, परिवारवाद और व्यक्तिवाद ने बहुजन राजनीति को भोथरा बना दिया

महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और बिहार की जमीन पर, सदियों से सताए दलित और पिछड़ों की राजनैतिक ऊर्जा को दक्षिणपंथी विचारधारा ने छल-बल, सत्ता, खौफ और धन की ताकत से कमजोर ही नहीं किया है, अपितु अपने हितों के अनुकूल...

झारखंड चुनावः जनता के मुद्दे नहीं परिवारवाद के सहारे वैतरणी पार करने की कोशिश

वैसे तो जब भी राजनीति में परिवारवाद की चर्चा होती है तो गांधी परिवार यानी नेहरू परिवार ही निशाने पर होता है, जबकि क्षेत्रीय या राष्ट्रीय स्तर पर परिवारवाद राजनीति का एक अहम हिस्सा बन चुका है। लालू प्रसाद यादव...

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ग्राउंड रिपोर्ट: भेदभाव और सुविधाओं की कमी से प्रभावित बालिका शिक्षा

अजमेर। हाल ही में राजस्थान के शिक्षा मंत्री ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित स्कूलों के विकास से संबंधित कई...