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राजनीति

भारतीय लोकतंत्र को नए दावेदारों की तलाश है!

1947 में देश को ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से आजादी हासिल हुई। यह आजादी कोई खूनी क्रांति नहीं थी, हालांकि आजादी को हासिल करने के लिए [more…]

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बीच बहस

सावरकर–अंग्रेजों को लिखे माफ़ीनामे से भारत विभाजन और गांधी की हत्या तक

वीडी सावरकर का 28 मई 1883 को भागुर, नासिक में जन्म हुआ था। उन्हें वीर सावरकर के नाम से पुकारा जाता है। हालांकि उन्हें वीर [more…]

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संस्कृति-समाज

जन्मदिवस पर विशेष : प्रेमचंद का साहित्य ही बन गया था आज़ादी की लड़ाई की मशाल

इतिहास के जिस दौर में प्रेमचंद ने कथा-लेखन की शुरुआत की, उस समय उनके समक्ष दो तरह की चुनौतियां प्रमुख थीं: राष्ट्र की मुक्ति और [more…]

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बीच बहस

आज और कल के दौर में गांधी

सर्व प्रथम यह सपष्ट कर दूं, मैं गांधीवादी या गांधी अनुयाई नहीं हूं। पचास साल पहले जब थोड़ी बहुत राजनीतिक या विचारधारात्मक चेतना मुझमें आयी [more…]