freedom
बीच बहस
सोनिया गांधी का लेख: बाबा साहेब से क्या सीखें?
Janchowk -
आधुनिक भारत के वास्तुकारों में से एक- बाबासाहेब बीआर अम्बेडकर- का जन्म आज से 132 साल पहले हुआ था। उनका उल्लेखनीय जीवन सभी भारतीयों के लिए आज भी एक स्थायी प्रेरणास्रोत है। एक मामूली पृष्ठभूमि से उठकर और गरीबी...
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गतिरोध के कगार पर: बोलने की आज़ादी और नाकाम होता लोकतंत्र
(स्टॉकहोम स्थित स्वीडिश अकादमी में 'थॉट एंड ट्रुथ अंडर प्रेशर' विषय पर एक सम्मेलन आयोजित किया गया था। 22 मार्च, 2023 को हुए इस कार्यक्रम में पांच अन्य वक्ताओं के साथ मशहूर लेखिका अरुंधति रॉय ने भी अपने विचार...
बीच बहस
‘अनहद’ का गांधी विशेषांक: सत्ता के नैतिक विमर्श में गांधी हमेशा बने रहेंगे
गांधी पर ‘अनहद’ का विशालकाय (650 पृष्ठों का) अंक एक सुखद आश्चर्य की तरह आया है; गांधी के हत्यारों के प्रभुत्व-काल में ही गांधी के पुनरोदय के संकेत की तरह के सुखद आश्चर्य की तरह।
दरअसल गांधी का व्यक्तित्व अपनी...
ज़रूरी ख़बर
जन (स्त्री), जीवन, आज़ादी: ईरान में स्कूली छात्राओं ने संभाला विरोध मोर्चा, 150 से अधिक लोगों की मौत
‘जन (स्त्री) ज़िंदगी आज़ादी’ (Women, Life, Freedom) के नारे के साथ स्कूली किशोरियां आंदोलन का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। 22 वर्षीय कुर्दिश महिला महसा अमीनी की कस्टोडियल हत्या के बाद विगत 21 दिनों से ईरान में ज़ारी विरोध-प्रदर्शन का मोर्चा स्कूली...
बीच बहस
कागज़ी आजादी और गुलामी की जड़ें
राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक जाती सड़क का नाम था -'राजपथ'। इसको बदलकर अब इसका नाम 'कर्तव्य पथ' रख दिया गया है। बात इतनी सी है कि प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर जो परेड...
बीच बहस
आजादी के बाद भी अंडमान जेल से छूटे त्रैलोक्यनाथ के तेवर रहे तल्ख
कर्नाटक राज्य स्कूल बोर्ड की किताब में, सावरकर द्वारा अंडमान जेल की कोठरी से, एक बुलबुल पर सवार होकर, रोज वहां से निकल कर भारत आने और चले जाने की रूपक कथा का, जब उपहास उड़ा तो कर्नाटक सरकार...
बीच बहस
महिलाओं से फिर-फिर हैवानियत: पितृसत्ता की जड़ें उखाड़े बिना त्राण नहीं
देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस को अभी कुल मिलाकर पखवाड़ा भर ही बीता है। इसलिए पाठकों को याद होगा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस दिन लालकिले की प्राचीर से अपने लम्बे सम्बोधन में स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं के योगदान...
बीच बहस
शिक्षकों को भी दरकार है सही शिक्षा की
आजादी के पचहत्तर वर्ष पूरे होने का जश्न एक तरफ बड़े उत्साह और कहीं-कहीं उन्मत्तता के साथ भी मनाया गया, वहीं हाल ही में ऐसी घटनाएँ भी हुईं, जिनसे यह भी इशारा मिला कि जिस आजादी और लोकतंत्र के...
राज्य
ये कैसी आजादी और कैसा महोत्सव? जहां शिक्षा है न ही मूलभूत सुविधाएं
अगर हम आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के आलोक में "हर घर तिरंगा" अभियान से फायदे की बात करें, तो मीडिया से आने वाली खबरें बताती हैं कि केन्द्र सरकार को 500 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का लाभ हुआ है।...
बीच बहस
आजादी की लड़ाई में कई तरक्कीपसंद शायरों ने सीधे तौर पर की थी हिस्सेदारी
देश की आज़ादी लाखों-लाख लोगों की कु़र्बानियों का नतीज़ा है। जिसमें लेखक, कलाकारों और संस्कृतिकर्मियों ने भी एक अहम रोल निभाया। ख़ास तौर से तरक़्क़ीपसंद तहरीक से जुड़े लेखक, कलाकार आज़ादी के आंदोलन में पेश-पेश रहे। अपने गीत, ग़ज़ल, नज़्म, नाटक, अफ़सानों और आलेखों के...
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ग्राउंड रिपोर्ट: किसानों की जरूरत और पराली संकट का समाधान
मुजफ्फरपुर। “हम लोग बहुत मजबूर हैं, समयानुसार खेतों की जुताई-बुआई करनी पड़ती है। खेतों में सिंचाई तो स्वयं कर...
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