Friday, June 9, 2023

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क्यों पिछड़ गयी हिमाचल की हिंदी कविता?

हिमाचल प्रदेश में लगभग 35 सालों से लगातार छप रही सरकारी हिंदी त्रैमासिक पत्रिका 'विपाशा' की साहित्यक हलकों में ठीक-ठाक साख है। हिमाचल के साहित्यकारों को और देश की 'मुख्यधारा’ के साहित्यकारों के बीच एक पुल का काम यह...

उत्तराखण्ड: एक पहाड़ी विधायक को पहाड़ में नहीं दिया जा रहा आवास

देहरादून। कोई विधायक अगर लगातार क्षेत्र में रहेगा, वहीं प्रवास करेगा तो आखिर अधिकारियों को दिक्कत क्या है? दिक्कत ये हो सकती है कि विधायक कभी भी जनता के किसी काम पर तलब कर देगा। विधायक के सामने जनता...

आत्महत्याओं के रूप में फूट पड़ा है पहाड़ों का दर्द

“आत्महत्या एक घृणित अपराध है, यह पूर्णतः कायरता का कार्य है। क्रान्तिकारी का तो कहना ही क्या, कोई भी मनुष्य ऐसे कार्य को उचित नहीं ठहरा सकता। …. आत्महत्या करना, केवल कुछ दुखों से बचने के लिए अपने जीवन...

हिमाचल: दो क्रांतिकारी विद्रोहियों को न मिला उचित सम्मान और न ही स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा

हिमाचल प्रदेश की सुकेत रियासत के राजाओं का शासन बेहद क्रूर और आम जनता का शोषण करने वाला रहा है। 8वीं शताब्दी में बंगाल से आए सेन वंशी राजाओं ने यहां पर निवास करने वाली डूंगर जाति का नरसंहार...

उत्तर प्रदेश: सिर चढ़कर बोलने लगी है बीजेपी की बौखलाहट

उप चुनावों के परिणामों, विशेषकर उत्तर भारत के राज्यों, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में भाजपा का सूपड़ा साफ होने के कारण भाजपा खब्तुलहवास हो गयी है। एक ओर जहां मोदी सरकार ने पेट्रोल पर पांच रुपये और डीजल...

उपचुनाव नतीजे: अच्छे दिन न पाकर जनता ने कर दी बीजेपी के बुरे दिनों की शुरुआत

हिमाचल प्रदेश में सेब के बगानों ने भाजपा को धूल चटा दी है और यह साफ कर दिया है कि भाजपा को यदि अडानी की कार्पोरेट फार्मिंग पसंद है और अडानी सेब उत्पादकों को खून के आंसू रुलायेंगे तो...

हिमाचल उपचुनावों में कांग्रेस का क्लीन स्वीप, लेकिन नोटा ने भी दिखाया रंग

हिमाचल प्रदेश में शनिवार को एक संसदीय सीट और तीन विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव में 66.91 फीसदी मतदान हुआ। उपचुनाव में कुल 18 उम्मीदवार मैदान में थे जिनमें से तीन विधानसभा क्षेत्रों के लिए 12 उम्मीदवार और...

पर्यावरण को बचाने के लिए मंडी लोकसभा उप चुनाव में लोगों ने किया नोटा का इस्तेमाल

किन्नौर की शांत वादियों में इस बार भगत सिंह के नारे की गूंज नौजवानों के मुंह से सुनाई दी। मंडी लोक सभा के लिए शनिवार को हुए उप चुनाव से पहले किन्नौर के नौजवानों ने अपने पर्यावरण, जल-जंगल-जमीन को...

जंगलों और पारिस्थितिकी के लिए खतरे की घंटी है वन संरक्षण कानून 1980 में प्रस्तावित संशोधन

हाल ही में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा वन संरक्षण अधिनियम 1980 में प्रस्तावित संशोधनों को लेकर प्रकाशित मसौदा दस्तावेज पर हिमाचल प्रदेश के विभिन्न पर्यावरणवादियों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपनी आपत्तियां जाहिर की हैं।...

बर्बाद होते किन्नौर को बचाने के लिए नौजवान चला रहे हैं उपचुनाव में नोटा का अभियान

हिमाचल प्रदेश में मंडी के सांसद राम स्वरूप वर्मा की संदिग्ध परिस्थितियों में दिल्ली के अंदर हुई मौत के बाद खाली हुई सीट पर 30 अक्तूबर को चुनाव होने जा रहे हैं। चुनाव में कांग्रेस पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री और...

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अन्याय के एक हजार दिन, असहमति और आंदोलन से न्याय की उम्मीद!

नई दिल्ली। अन्याय के हजार दिन बीत गए। लेकिन ये न्याय के संघर्ष के भी हजार दिन हैं। लोगों...