दाल देख और दाल का पानी देख !
रोटी के साथ दाल मिलना भी अब नसीब की बात है। आज की ताजा खबर है कि बाजार में दाल का संकट आने वाला है, [more…]
रोटी के साथ दाल मिलना भी अब नसीब की बात है। आज की ताजा खबर है कि बाजार में दाल का संकट आने वाला है, [more…]
कई बार वास्तविकता को उजागर करने के लिए उसे शब्दों में सूत्रबद्ध करना जरूरी नहीं होता, परिस्थितिजन्य साक्ष्य काफी होते हैं। कई बार कहे सुने [more…]
देश की राजनीति और राज्य व्यवस्था का स्वरूप धीरे-धीरे अलग दिशा में बढ़ रहा है। यहां पर दो तरह की विचारधाराएं और दो तरह की [more…]
अरविंद केजरीवाल राजनीतिक अवसरवाद के सबसे बड़े नमूने हैं। उन्हें न तो विचारधारा की कोई सीमा बांध सकती है और न ही किसी सिद्धांत और [more…]
हाल (दिसंबर 2025) में संसद में चर्चा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने अपने भाषण में एक ओर बाबासाहेब अम्बेडकर का अपमान किया तो दूसरी [more…]
बीते 17 दिसंबर यानी मंगलवार को भारत के गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में दिए गए डॉ भीमराव आंबेडकर संबंधी बयान को लेकर इन [more…]
संसद के शीतकालीन सत्र में ‘संविधान के 75 वर्ष’ के गौरवशाली मौके पर लोकसभा में दो दिनों की बहुत जीवंत बहस हुई। इसमें तमाम तरह [more…]
दुनिया में जनतंत्र पर मंडराते खतरों की तरफ हाल के समय में बार-बार लिखा गया है। जानकारों ने इस बात को साफ किया है कि [more…]
प्राधिकरण द्वारा उदाहरण प्रस्तुत करना एक प्रक्रिया को शुरू करने का तरीका है, जो जनसमूहों को अनुसरण करने के लिए प्रेरित कर सकता है। न्यायपालिका [more…]
सियासत भी अजीब खेल होता है। अक्सर इस बात का अंदाज़ा भी नहीं लग सकता कि कैसे वह शैतानों के सन्त में रूपांतरण को मुमकिन [more…]