प्रो. तुलसी राम: एक अम्बेडकरवादी कम्युनिस्ट

आज प्रो. तुलसी राम के व्यक्तित्व व वैचारिकी के ढेर सारे प्रशंसक मौजूद हैं, मैं भी उन्हीं में से एक…

मॉब लिंचिंग में साधु-संत की हत्या : जानिए बुद्धिजीवियों की ‘चुप्पी’ का मतलब

एक सवाल अक्सर पूछा जाता है- क्यों चुप हैं सेकुलर, क्यों चुप हैं बुद्धिजीवी? इन्हें सेकुलर गैंग, अवार्ड वापसी गैंग,…

गौतम नवलखा के बारे में आप क्या जानते हैं?

मैं उनके बारे में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में जब पढ़ रहा था 80 के दशक में तब जान सका था। हिंदी…

726 बुद्धिजीवियों का खुला पत्र, कैब को बताया संविधान की मूल भावना के खिलाफ

एक बार फिर देश के 726 प्रगतिशील बुद्धिजीवियों (कलाकारों, शिक्षाविदों, नाटककारों) ने भारतीय सत्ता को एक पत्र लिख कर चेताया…

प्राचीन भारत का नया भविष्य!

पिछले छह सालों में जबकि साबित किया जा चुका है कि आधुनिक पढ़ाई लिखाई और उच्च शिक्षा का तर्कशीलता, बुद्धि,…

धारा 370 और 35 A को तोड़ना इंसानियत-जम्हूरियत-कश्मीरियत के खात्मे की तरफ बढ़ना है!

5 अगस्त 2019 भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में Black Day के रूप में दर्ज हो गया। इस दिन विश्व के…

फिर तो हर आंदोलनकारी हो जाएगा देशद्रोही!

लंबे समय से अराजकता के एजेंडे पर काम कर रहे संघ मानसिकता के लोग लगातार अपने मकसद में कामयाब हो…

प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखना ‘लोकतंत्र में अविश्वास’ कैसे?

क्या कोई लोकतंत्र सवाल, बहस और सशक्त विपक्ष के बिना निष्पक्षता से काम कर सकता है?  अच्छाई के लिए होने…

पत्रकार प्रभात शुंगलू का प्रसून जोशी को खुला ख़त

(मॉब लिंचिंग के मसले पर 49 बुद्धिजीवियों, फिल्मकारों और समाज शास्त्रियों के लिखे खत के जवाब में 60 दूसरे लोगों…

आजादी नहीं ये मोक्ष का द्वार है!

सरकार ने बहुत बड़ा कदम उठाया है। इसे पूरी तरह से देश हित में उठाया गया कदम माना जा सकता…