Thursday, April 18, 2024

intellectual

खून से रंगी पुस्तक के प्रकाशन से ब्लूम्सबरी इंडिया ने खींचा हाथ

“ब्लूम्सबरी, आप अब भी कुछ बचा सकते हैं। कहिये, आपने गलती की और पुस्तक वापस लीजिये। अन्यथा, सच में, आपकी प्रतिष्ठा धूल में मिली पड़ी है।“ दिल्ली के लेफ्टवर्ड बुक्स की सुधनवा देशपांडे ने यह सुलझी हुई सलाह ब्लूम्सबरी...

कुछ और शख्सियतों की उठी प्रशांत के पक्ष में आवाज, कहा- जजों के सत्ता के करीब जाने से न्याय पालिका से भरोसा उठने का...

भारत में मानव-अधिकारों और जनहित के लिए प्रख्यात वकील प्रशांत भूषण पर अवमानना की कार्रवाई को लेकर स्वराज अभियान ने बयान जारी किया है। बयान में कहा गया है कि उच्चतम न्यायलय द्वारा स्वतः संज्ञान लेकर की जा रही...

जन हस्तक्षेप ने भी की प्रोफेसर हैनी बाबू समेत गिरफ्तार सभी बुद्धिजीवियों- एक्टिविस्टों की रिहाई की मांग

नई दिल्ली। जनहस्तक्षेप ने भी दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. हैनी बाबू की गिरफ्तारी की निंदा की है। संगठन की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में इसे अलोकतांत्रिक और तानाशाहीपूर्ण कार्रवाई करार दिया गया है। संगठन ने कहा...

छात्रों-युवाओं के लिए कितनी कारगर है नई शिक्षा नीति?

(केंद्र सरकार की ओर से घोषित नई शिक्षा नीति पर समाज के बुद्धिजीवी तबके में बहस जारी है। लेकिन अभी इस पर किसी तरह की आम सहमति नहीं बन पा रही है। यहां तक कि सरकार विरोधियों में इस...

बुद्धिजीवियों को चुप कराने के विराट अभियान की ताजा कड़ी है प्रो. हैनी बाबू की गिरफ्तारी: लेखक संगठन

नई दल्ली। लेखक और सांस्कृतिक संगठनों ने भीमा कोरेगांव मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हैनी बाबू की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए उनके तत्काल रिहाई की मांग की है। एक संयुक्त बयान में संगठनों ने पूरे मामले को...

प्रो. तुलसी राम: एक अम्बेडकरवादी कम्युनिस्ट

आज प्रो. तुलसी राम के व्यक्तित्व व वैचारिकी के ढेर सारे प्रशंसक मौजूद हैं, मैं भी उन्हीं में से एक हूँ। प्रो. तुलसी राम से मेरी पहली मुलाकात गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रे़क्षागृह में डॉ. अम्बेडकर के विचारों पर आयोजित...

मॉब लिंचिंग में साधु-संत की हत्या : जानिए बुद्धिजीवियों की ‘चुप्पी’ का मतलब

एक सवाल अक्सर पूछा जाता है- क्यों चुप हैं सेकुलर, क्यों चुप हैं बुद्धिजीवी? इन्हें सेकुलर गैंग, अवार्ड वापसी गैंग, मानवाधिकार वाले कहकर धिक्कारते हुए पुकारा जाता है। इन्हें गुनहगार के तौर पर पेश करने की कोशिश होती है।...

गौतम नवलखा के बारे में आप क्या जानते हैं?

मैं उनके बारे में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में जब पढ़ रहा था 80 के दशक में तब जान सका था। हिंदी में साँचा नामक एक पत्रिका उन्होंने शुरू की थी दिल्ली से। हिंदी के पाठकों के लिए वह पत्रिका किसी...

726 बुद्धिजीवियों का खुला पत्र, कैब को बताया संविधान की मूल भावना के खिलाफ

एक बार फिर देश के 726 प्रगतिशील बुद्धिजीवियों (कलाकारों, शिक्षाविदों, नाटककारों) ने भारतीय सत्ता को एक पत्र लिख कर चेताया है कि उसके द्वारा नागरिकता संशोधन बिल (कैब) जो अब कानून बन चुका है, भारतीय संविधान की मूल भावना...

प्राचीन भारत का नया भविष्य!

पिछले छह सालों में जबकि साबित किया जा चुका है कि आधुनिक पढ़ाई लिखाई और उच्च शिक्षा का तर्कशीलता, बुद्धि, विवेक और इंसानियत से कोई सीधा संबंध नहीं है तो हमें इस बात पर सहज गंभीरता से विचार करना...

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ग्राउंड रिपोर्ट: भेदभाव और सुविधाओं की कमी से प्रभावित बालिका शिक्षा

अजमेर। हाल ही में राजस्थान के शिक्षा मंत्री ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित स्कूलों के विकास से संबंधित कई...