jawahar lal nehru
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मोदी ने अभिभाषण में देश के पहले प्रधानमंत्री को मिस्कोट किया; पढ़िए नेहरू का पूरा भाषण
मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गाहे-बगाहे देश के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू का उद्धरण देते रहते हैं, जिसमें कहीं न कहीं उनकी भूमिका को नीचा दिखाने की कोशिश की जाती है। 5 फरवरी, 2024 को भी ऐसा ही कुछ...
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बाबरी ध्वंस से राममंदिर: भारतीय राजनीति की बदलती दशा और दिशा
स्वाधीन होने के बाद भारत ने जो दिशा और राह चुनी, उसकी रूपरेखा जवाहरलाल नेहरु के ‘ट्रिस्ट विथ डेस्टिनी’ भाषण में थी। नेहरु ने कहा, “भारत की सेवा का अर्थ है लाखों-लाख पीड़ितों की सेवा। भारत की सेवा का...
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कश्मीर समस्या को उलझाने में ब्रिटेन और अमेरिका की साजिशों की भूमिका
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी सहित संपूर्ण संघ परिवार जवाहरलाल नेहरू को कश्मीर की समस्या के लिए उत्तरदायी मानता है। परंतु कश्मीर समस्या के इतिहास का बारीकी से अध्ययन करने पर यह ज्ञात होता है कि समस्या को उलझाने...
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प्रधानमंत्री नेहरू घर पर बुला लेते थे ज्यादा मेहमान, तो नहीं हो पाती थी रसोई के खर्च की व्यवस्था
Janchowk -
जवाहर लाल नेहरू का चरित्र-हनन और मूर्ति-भंजन वर्तमान व्यवस्था द्वारा चलाया जा रहा सबसे बड़ा आईटी अभियान है। ऐसे में किसी आरएसएस पदाधिकारी द्वारा सार्वजनिक मंच से नेहरू की प्रशंसा करना किसी अप्रत्याशित से कम नहीं है। लेकिन यह...
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किस दिशा में जा रही है भारतीय राजनीति?
गत 15 अगस्त को भारत ने अपना 77वां स्वाधीनता दिवस मनाया। यह एक मौका है जब हमें इस मुद्दे पर आत्मचिंतन करना चाहिए कि हमारी राजनीति आखिर किस दिशा में जा रही है। आज से 76 साल पहले हमारे...
बीच बहस
इतिहास से छेड़छाड़ और दुष्प्रचार से अतीत नहीं बदल जाता
Janchowk -
इतिहास घटित घटनाओं का यथारूप विवरण है, जिसकी व्याख्या तथ्यों के आलोक में ही संभव है। बुलबुल की सवारी वाली कहानी गढ़ के आप किसी का महिमामंडन भले ही कर लें लेकिन उसे इतिहास के रूप में मनवाने के...
लेखक
पुस्तक समीक्षा: ताकि इतिहास अपने वास्तविक रूप में आए और झूठ बेपर्दा हो
आधुनिक भारत के निर्माण में पंडित जवाहरलाल नेहरू की भूमिका निर्विवाद रूप से सबसे अहम थी, इससे भला कौन इंकार कर सकता है। समाजवादी-धर्मनिरपेक्ष गणतंत्र की स्थापना से लेकर एक शक्तिशाली संसद और स्वतंत्र न्यायपालिका उन्हीं की कोशिशों से...
बीच बहस
नेताजी सुभाष का साम्प्रदायिक ताकतों से टकराव
सुभाष चन्द्र बोस भारतीय स्वाधीनता संग्राम के अप्रतिम योद्धा थे। योद्धा शब्द सच में केवल उन्हीं के लिये कहा जा सकता है। अंग्रेज़ी हुक़ूमत के खिलाफ 1857 का विप्लव एक विद्रोह था जो चर्बी मिले कारतूस के मुद्दे पर...
बीच बहस
नेहरू और सुभाष के बीच पत्र व्यवहार
पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा संपादित एक ग्रंथ है जिसमें उन्हें संबोधित अनेक पत्र प्रकाशित किए गए हैं। इन पत्रों का चयन स्वयं जवाहरलाल नेहरू ने किया था। इस पुस्तक का नाम है ‘‘ए बंच ऑफ ओल्ड लेटर्स‘‘। इस ग्रंथ में 368 पत्र...
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गैर-बराबरी के मुद्दे पर गुमराह करने में जुटे मोदी
इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धन के पुनर्वितरण की सोच को निशाने पर लिया है। वे तथ्यों का...
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