श्रम कानूनों के निलंबन का निर्णय जो कुछ सरकारों द्वारा किया गया है जिसमें यूपी, एमपी और गुजरात है, एक टेस्टिंग निर्णय है। यह सरकार द्वारा पूंजीपतियों के पक्ष में किया गया एक फैसला है, जिसका आधार यह दिया...
नई दिल्ली। ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (ऐक्टू) ने उत्तर प्रदेश, मध्य-प्रदेश, गुजरात समेत देश के अन्य राज्यों में श्रम कानूनों को खत्म करने के खिलाफ आज विरोध-प्रदर्शन किया।
संगठन की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया...
मजदूर किसी भी देश की रीढ़ है बिना इनके कोई भी देश विकास की सीढ़ियां नहीं चढ़ सकता यह पहले से ही तय था, परन्तु वर्तमान स्थिति में इसकी सार्थकता और बढ़ गयी है। किसी भी देश की अर्थव्यवस्था...
किसी ने ठीक ही कहा है कि कोरोना महामारी में नया कुछ नहीं हो रहा है। बल्कि जो चीजें हो रही थीं उनकी गति तेज हो गई है। इसे हम श्रम कानूनों के साथ भी घटित होता देख सकते...
हल्द्वानी। श्रम कानूनों को समाप्त करने, 8 घंटा काम को बढ़ाकर 12 घंटा कर मजदूरों को गुलाम बनाए जाने के खिलाफ ऐक्टू के दो दिवसीय देशव्यापी विरोध दिवस के आह्वान पर आज उत्तराखंड में विभिन्न जगहों पर विरोध जताते...
हल्द्वानी। कोरोना आपदा की आड़ में मोदी समेत तमाम बीजेपी शासित राज्य सरकारों द्वारा मज़दूरों के अधिकारों पर हमले का ट्रेड यूनियनों ने जवाब देने का फ़ैसला लिया है। इसके तहत ऐक्टू ने आगामी 12-13 मई को दो दिवसीय...
ऐसे वक़्त में जब कोरोना संक्रमण से पैदा हुई चुनौतियाँ बेक़ाबू ही बनी हुई हैं, तभी हमारी राज्य सरकारों में एक नया संक्रमण बेहद तेज़ी से अपने पैर पसार रहा है। बीते पाँच दिनों में छह राज्यों ने 40...
(यूपी की योगी सरकार ने सूबे में श्रम क़ानूनों को तीन साल के लिए स्थगित कर दिया है। इसके साथ ही उसने काम के घटों को भी 8 से बढ़ाकर 12 कर दिया है। लेकिन तमाम मज़दूरों संगठनों ने...
(यूपी सरकार ने कल ही अध्यादेश जारी कर सूबे में सभी श्रम क़ानूनों पर तीन साल के लिए पाबंदी लगा दी है। इसके साथ ही अब तक मज़दूरों को हासिल सभी अधिकार समाप्त हो गए हैं। दूसरे शब्दों में...
नई दिल्ली। यूपी की योगी सरकार ने मज़दूरों के अधिकारों पर बड़ा कुठाराघात किया है। सूबे की कैबिनेट ने आज प्रस्ताव पारित कर अगले तीन सालों यानी तक़रीबन 1000 दिनों तक के लिए सभी श्रम क़ानूनों को स्थगित कर...