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राजनीति

उदारवादी-दक्षिणपंथी मध्यवर्ग का तो समझ में आता है- खुद को वामपंथी और आंबेडकरवादी कहने वालों को क्या हो गया है? संदर्भ मनमोहन सिंह 

सोशल मीडिया में मनमोहन सिंह की किन शब्दों में और कितना चढ़-बढ़कर तारीफ किया जाए, इसमें उदारवादियों-दक्षिणपंथियों की होड़ तो समझ में आती है, लेकिन [more…]

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ज़रूरी ख़बर

मेडिकल बीमा कंपनियों के खिलाफ क्यों पनपा विद्रोह?

अमेरिका में मेडिक्लेम क्षेत्र की संभवतः सबसे बड़ी कंपनी यूनाइटेड हेल्थ केयर (यूएचसी) के सीईओ ब्रायन थॉम्पसन की चार दिसंबर की सुबह जब न्यूयॉर्क में [more…]

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बीच बहस

लिबरल बुद्धिजीवियों का परत दर परत हो रहा है पर्दाफाश

एक बात जो साफ-साफ दिखती है, वह है उन की बेचैनी। जिस बात को समर्थक नेता और सिख-पढ़कर तैयार प्रवक्ता तर्कहीन और बे सिर पैर [more…]

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बीच बहस

लोकतंत्र के आईने में बिगड़ गई है हमारी सूरत

बात भारत के मौजूदा सूरत-ए-हाल से शुरू करते हैं। इसी हफ्ते सुप्रीम कोर्ट की दो टिप्पणियों ने इसकी एक झलक दिखाई। वैसे तो वो टिप्पणियां [more…]

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बीच बहस

नव-उदारवाद ने भारत को बनाया या बिगाड़ा?

नव उदारवादी आर्थिक नीतियों के जो परिणाम आज हम देख रहे हैं, उसके लिए सिर्फ मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराना इंसाफ नहीं होगा। बल्कि इसकी [more…]

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बीच बहस

भारत की तर्ज़ पर अमेरिका के कई राज्यों में उठी हाशिये के समाज के लेखकों की किताबों को जलाने और बैन करने की मांग

दक्षिणपंथ ऐसी गंदगी है जो भारत जैसे पिछड़े देश और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे उन्नत देशों के बीच वैचारिक और वैज्ञानिक सोच के फर्क़ को [more…]

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राजनीति

अमेरिका में राजनीतिक-सामाजिक संकट और भारत के लिए सबक

अमेरिका में जो कुछ भी हो रहा है, उसे सिर्फ डोनाल्ड ट्रंप की सत्ता की हवस और बदमाशी के रूप में देखना इस संकट का [more…]

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ज़रूरी ख़बर

सियासत की मंडी में बजरंग बली को उतारने के लिए शुक्रिया! पढ़िए एक पत्रकार का केजरीवाल को लिखा गया खत

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प्रिय केजरीवाल, आपको इस बात की बधाई कि जिस गंदगी को साफ करने का दावा करते हुए आप राजनीति में आए थे, उसी गंदगी में [more…]

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संस्कृति-समाज

धूमिल के साहित्य के केंद्र में है लोकतंत्र की आलोचनाः प्रो. आशीष त्रिपाठी

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वाराणसी। उदय प्रताप कॉलेज के हिंदी विभाग और धूमिल शोध संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में शिक्षा संकाय के सभागार में जनकवि धूमिल की पुण्यतिथि पर [more…]

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बीच बहस

हिंदुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ाने का कानून है नागरिकता अधिनियम

धर्मनिरपेक्ष भारत गणराज्य का निषेध नागरिकता कानून और नागरिकता रजिस्टर का मूल भाव है। यह हिंदुत्व की दीर्घकालीन राजनीति का हिस्सा है, इसका भी हिंदू [more…]