marxist
बीच बहस
वर्ग और जाति के बीच की केमेस्ट्री
वीरेन्द्र यादव की फेसबुक वॉल पर जाति और वर्ग के बारे में डा. लोहिया के विचार के एक उद्धरण* के संदर्भ में : जाति हो या वर्ग, दोनों ही सामाजिक संरचना की प्रतीकात्मक श्रेणियाँ (Symbolic categories) हैं। भले कभी...
उर्मिलेश की कलम से
उपन्यास, आलोचना और वीरेंद्र यादव का समाज-बोध
उर्मिलेश -
मार्क्सवादी साहित्यालोचक वीरेंद्र यादव के कुछ लेख और टिप्पणियां मैंने पढ़ी थीं। पर उनकी आलोचनात्मक पुस्तक पढ़ने का पहला मौका हाल के दिनों में मिला। यह पुस्तक है-उपन्यास और वर्चस्व की सत्ता।* 2017 में पुस्तक का दूसरा संस्करण प्रकाशित...
संस्कृति-समाज
रूसी जमीन पर क्रांति के नायक लेनिन से एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी की मुलाकात
भारत के स्वाधीनता संग्राम पर मार्क्सवादी विचारधारा का व्यापक प्रभाव पड़ा है। 1857 के प्रथम स्वाधीनता पर कार्ल मार्क्स ने भी एक किताब लिखी है और उस संघर्ष को उपनिवेशवाद के विरुद्ध एक प्रतिरोध कहा है। भारतीय स्वाधीनता संग्राम...
संस्कृति-समाज
जयंती पर विशेष: नामवर थे, नामवर सिंह
हिन्दी साहित्य के आकाश में नामवर सिंह उन नक्षत्रों में से एक हैं, जिनकी विद्वता का कोई सानी नहीं था। साहित्य, संस्कृति और समाज का कोई सा भी विषय हो, वे धारा प्रवाह बोलते थे। उनको सुनने वाले श्रोता...
संस्कृति-समाज
श्रद्धांजलि: साहित्य का बड़ा कोना खाली कर गए नंदकिशोर नवल
अमरीक -
12 मई को लब्धनिष्ठ आलोचक नंदकिशोर नवल का 83 वर्ष की उम्र में जाना एक ऐसे हिंदी साहित्य हस्ताक्षर का जाना है जिन्होंने ताउम्र अग्रज और समकालीन तथा नवोदित हिंदी साहित्यकारों की (बनती) सर्वमान्यता के लिए ऐसा अति उल्लेखनीय...
संस्कृति-समाज
जन्मदिन पर विशेष: हिंदुओं के धर्म, ईश्वर और जाति का विनाश क्यों चाहते थे राहुल सांकृत्यायन?
राहुल सांकृत्यायन (9 अप्रैल 1893-14 अप्रैल 1963) बचपन का नाम केदारनाथ पाण्डेय, वैरागी साधु बनने पर नाम पड़ा राम उदार दास और बौद्ध धम्मानुयायी बनने पर नाम हो गया राहुल सांकृत्यायन। यह नाम परिवर्तन उनकी वैचारिक यात्रा को दर्शाता...
संस्कृति-समाज
ख़ुद में एक अकादमी थे डॉ. श्याम बिहारी राय
नई दिल्ली। पूंजीवाद ने किताबों को उत्पाद बनाने के साथ ही दो तरह का खेल शुरू किया, पहला किताबों के प्रकाशन-उत्पादन को पाठक की पसंद के दायरे तक सीमित किया। दूसरा किताबों का मूल्य अधिक रखकर इसे वर्ग विशेष...
बीच बहस
मार्क्सवादी चिंतक, मशहूर मजदूर नेता, झारखंड आंदोलन के अगुआ और धनबाद के पूर्व सांसद कॉमरेड एके राय का निधन
Janchowk -
मार्क्सवादी चिंतक और धनबाद के पूर्व सांसद कॉमरेड एके राय का आज निधन हो गया। उनका इलाज धनबाद के केंद्रीय अस्पताल में चल रहा था। वह 86 साल के थे। वह खुद से सांस नहीं ले पा रहे थे...
Latest News
हरियाणा में भाजपा की हालत इतनी पतली कि 10 में से 6 उम्मीदवार पूर्व कांग्रेसी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी के नाम पर चुनाव मैदान में उतरी भाजपा भले ही अबकी बार चार सौ...
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