Thursday, April 18, 2024

marxist

कार्ल मार्क्स: जिसने दुनिया बदलना और समझना सिखाया 

एक अनुमान के अनुसार दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने वाली किताबों में कम्युनिस्ट मैनिफेस्टो दूसरे नंबर पर है। पहले नंबर पर बाइबिल है। लेकिन जहां तक पढ़े जाने की बात है तो कम्युनिस्ट मैनिफेस्टो पहले नंबर पर है। क्योकि...

कार्ल मार्क्स: सिर्फ आस्था और अंधश्रद्धा या विज्ञान प्रमाणित प्रासंगिकता 

5 मई 2023 को मार्क्स की 205 वीं सालगिरह है। 1848 में एंगेल्स के साथ मिलकर लिखे उनके कम्युनिस्ट घोषणापत्र को 175 और इन दोनों की कालजयी किताब पूंजी (दास कैपिटल) को आये 156 वर्ष हो गए। क्या यह विचार पुराना...

असल बात वो नज़रिया है, जो हमें मार्क्स ने दिया था

शीत युद्ध के दौर में मार्क्सवाद दुनिया के लगभग हर देश में एक वैचारिक ध्रुव बना रहता था। तब एक प्रवृत्ति उस विचारधारा में दुनिया के तमाम मसलों का हल देखने की थी। जबकि दूसरी तरफ़ उसे लांछित करने...

नव-उदारवाद ने भारत को बनाया या बिगाड़ा?

नव उदारवादी आर्थिक नीतियों के जो परिणाम आज हम देख रहे हैं, उसके लिए सिर्फ मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराना इंसाफ नहीं होगा। बल्कि इसकी जिम्मेदारी उन तमाम सरकारों पर आएगी, जिन्होंने पिछले तीन दशक में इन नीतियों पर...

समसामयिक संदर्भ में भगत सिंह

भगत सिंह को भारत के सभी विचारों वाले लोग बहुत श्रद्धा और सम्मान से याद करते हैं। वे उन्हें देश पर कुर्बान होने वाले एक जज्बाती हीरो और उनके बलिदान को याद करके उनके आगे विनत होते हैं। वे...

भारत को लूट का शिकार बनाकर हिंदुत्व आधारित राष्ट्र बनाने की साजिश रच रही है मोदी सरकार: सीताराम येचुरी

भोपाल। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के 16वें मध्यप्रदेश राज्य सम्मेलन का उद्घाटन भोपाल में पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने किया। उन्होंने अपने भाषण में देश और दुनिया की मौजूदा स्थितियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा...

मध्यवर्गीय संघर्ष और विषमताओं की ताकत का आख्यान

गजानन माधव मुक्तिबोध उन गिने चुने कवियों में थे जिन्होंने विज्ञान और फैंटेसी के आधुनिक तथा कलात्मक बिंब और भाव कविता में लिए। उनकी एक कविता 'मुझे मालूम नहीं' में मनुष्य की उस असहायता का चित्रण है जिसमें वह...

विलास सोनवानेः समता और स्वतंत्रता के योद्धा

विलास भाई नहीं रहे। विलास भाई यानी विलास सोनवाने। वे 69 वर्ष के थे। उनसे पहली बार सन 2001 में मिला था और आखिरी मुलाकात तकरीबन छह साल पहले पानीपत में सर्वोदयी कार्यकर्ता राम मोहन राय की ओर से...

पीएम मोदी के नाम एक पूर्व माओवादी के बेटे का खत

भाकपा (माओवादी) के केन्द्रीय कमेटी सदस्य प्रमोद मिश्रा के पुत्र सुचित मिश्रा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 27 जुलाई, 2021 को एक खुला खत लिखा है, जिसे 28 जुलाई को रजिस्टर्ड डाक से भी उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय भेजा है। मालूम...

मरघट पर पहुंचा भारतीय लोकतंत्र

आजादी मिलने के बाद से हम लोकतंत्र और संसदीय राजनीति के जरिये जिस मुकाम पर आज पहुंचे हैं, उसमें 140 करोड़ भारतीयों की पहचान आज एक भारतीय नागरिक की करीब-करीब खत्म हो चुकी है। असल में जो खुद को आज...

Latest News

AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।