इन दिनों रंगकर्म के क्षेत्र में भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) इंदौर इकाई की प्रस्तुति “धीरेन्द्र मजूमदार की मां” नाटक…
नाटक की प्रयोगशाला में एक नूतन प्रयोग है पुंज प्रकाश का ‘पलायन’
सच्चाई है कि लुटियन के टीले पर जारी नाटक के समक्ष भारत के तमाम नाटक अप्रासंगिक होते जा रहे हैं।…
सफदर स्मृति दिवस: ‘लड़ें तो जीत भी सकते हैं, ना लड़ें तो हार तय है’!
हम सब कॉमरेड सफदर हाशमी के पार्थिव शरीर की अंत्येष्टि के लिए दिल्ली में यमुना तट पर निगमबोध घाट के…
कोरोना के दौर में हाउसफुल तख्तियों के साथ वैचारिक नाटक!
एक ऐसे समय जब विकार का बोलबाला है…विकार आस्था, धर्म और राष्ट्रवाद का चोला ओढ़ विचार पर तांडव कर रहा…
जन्म दिवस विशेष: सदा रहेगी गुरशरण सिंह की रोशनी
गुरशरण सिंह हमारे दौर के योद्धा थे। एक विलक्षण सांस्कृतिक महा-लोकनायक। एक ऐसी मशाल जो मनुष्य विरोधी हर अंधेरे को…
जन्मदिन पर विशेष: जनवादी रंगमंच के पितामह गुरशरण सिंह का अधूरा सपना
नाटककार गुरशरण सिंह जनवादी रंगमंच के पितामह थे। उन्हें सब प्यार से ‘भा जी’ (भाई साहब) कहते थे। वह दोज़ख…
राहुल सांकृत्यायन के भोजपुरी नाटक ‘मेहरारुन के दुरदसा’ के संदर्भ में स्त्री विमर्श
राहुल सांकृत्यायन एक, अत्यंत प्रतिभाशाली व्यक्तित्व थे। उन्होंने, भरपूर यात्रायें की। चार खंडों में उनकी आत्मकथा मेरी जीवन यात्रा बेहद…
महात्मा की 150वीं जयंती पर “मैं गांधी बोल रहा हूं” नाटक दिखाने के लिए तैयार हैं ढेला स्कूल के बच्चे
ढेला स्कूल, (नैनीताल)। गांधी की 150 वीं जयंती जोरदार तरीक़े से देशभर में मनाए जाने की की तैयारियां शुरू हो…