Friday, March 29, 2024

NITI Aayog

नीति आयोग का दावा: देश में गरीबी 5% से भी कम, तो 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन क्यों?

यही वह सवाल है, जो देश में सोचने-समझने वाले हर मस्तिष्क में गूंज रहा है। लेकिन क्या करें, देश में चुनाव है, इसलिए शासन की मशीनरी मिशन मोड पर नए-नए तथ्यों के साथ सामने आ रही है। देश में...

पीएम मोदी के चीयरलीडर्स की तरह काम कर रहा है नीति आयोग: जयराम रमेश

नीति आयोग द्वारा मोदी सरकार के 9 वर्षों के शासनकाल के दौरान 25 करोड़ भारतीयों को गरीबी की रेखा से बाहर निकाल लाने के दावों पर अब महाभारत छिड़ गई है। मल्टी डायमेंशनल पावर्टी इंडेक्स (एमपीआई) या बहुआयामी गरीबी...

मोदी राज में 24.82 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने का नीति आयोग का दावा, अर्थशास्त्रियों ने उठाए गंभीर सवाल

नई दिल्ली। यह दावा अपने आप में इतना शानदार है कि हर कोई इस दावे पर चौंक रहा है, लेकिन यही हकीकत है। जी हां, नीति आयोग का यह दावा संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के द्वारा वर्ष 2010...

नीति आयोग की रिपोर्ट अविश्वसनीय, मोदी सरकार जिम्मेदारी से रही भाग: भाकपा माले

पटना। भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार भारत में बहुआयामी गरीबी 2013-14 में 29.17 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में मात्र 11.28 प्रतिशत रह गई है और इस प्रकार विगत 9 सालों...

कर्नाटक: जीडीपी में अव्वल, लेकिन सामाजिक शैक्षिणक विकास में दक्षिण में सबसे फिसड्डी क्यों?

हाल के वर्षों में आईटी और स्टार्टअप के क्षेत्र में ही सबसे अधिक युवाओं को रोजगार प्राप्त हुआ है, और लगभग सभी महानगरों में शहरी युवाओं की जुबान पर यदि कोई एक नाम सबसे प्रमुखता से आता है तो...

विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस: डिजिटल लेनदेन से खतरे में पड़ी लोगों की गाढ़ी कमाई

15 मार्च को मनाया जाने वाला विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस उपभोक्ताओं के अधिकारों एवं उनकी आवश्यकताओं के विषय में वैश्विक स्तर पर जागरूकता उत्पन्न करने का एक अवसर है। इस वर्ष कंज़्यूमर इंटरनेशनल के 100 देशों में फैले हुए...

कोरोना की दूसरी लहर के घातक दुष्परिणाम की जिम्मेदारी कौन लेगा सरकार!

अब जब सुप्रीम कोर्ट सहित अन्य हाई कोर्ट में इस आपदा पर हंगामा मचा तो अदालत में सरकार ने कहा कि उसे दूसरी लहर की भयावहता का अंदाज़ा नहीं था। पर द प्रिंट ने इस पर एक विस्तार से...

सब बेच डालने की जगह बनाने पर ध्यान होता तो यूं न बिगड़ते हालात

उदारीकरण के दौर में जब सब कुछ निजी क्षेत्रों में सौंप दिए जाने का दौर शुरू हुआ तो उसकी शुरुआत मुक्त बाजार और लाइसेंस परमिट मुक्त उद्योगों से हुई। जो सिस्टम, धीर-धीरे ही सही, लोककल्याणकारी राज्य की अवधारणा के...

बजट: राष्ट्रीय संपदा का कॉरपोरेट को हस्तानांतरण का रोडमैप

2021-22 का बजट सामान्य रूटीन का बजट नहीं हैं, यह खुलेआम इस बात की घोषणा करता है कि देश की अर्थव्यवस्था का विकास एवं संचालन निजी क्षेत्र द्वारा ही किया जा सकता है और किया जाना चाहिए। यह एक...

नीति आयोग और वित्त मंत्रालय की आपत्ति के बावजूद 6 एयरपोर्ट अडानी के हवाले

एक तरफ देश कृत्रिम कोरोनो संकट से जूझ रहा है और न्यायपालिका, विधायिका वर्चुअल मोड में हैं, दूसरी ओर लाखों किसान तीन कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली सीमा पर आंदोलनरत हैं। अब तक 50 से अधिक किसानों की मौत...

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हरियाणा में भाजपा की हालत इतनी पतली कि 10 में से 6 उम्मीदवार पूर्व कांग्रेसी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी के नाम पर चुनाव मैदान में उतरी भाजपा भले ही अबकी बार चार सौ...