जब विज्ञान-कथाएं तो क्या, कथा-साहित्य और यहां तक कि खुद साहित्य अस्तित्व के संकट से जूझ रहा हो, ऐसे दौर…
किताब समीक्षा: कविता की जनपक्षधरता पर शैलेंद्र चौहान की नज़र
शैलेंद्र चौहान बुनियादी तौर पर कवि हैं उन्होंने कुछ कहानियां और एक उपन्यास भी लिखा है। लघु पत्रिका ‘धरती’ का एक लंबे…
मौजूदा राजनीतिक हालत पर टिप्पणी करता है खालिद जावेद का उपन्यास ‘एक ख़ंजर पानी में’
प्रो. खालिद जावेद जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के ब्रांड एंबेसडर हैं। अपने बेमिसाल अफसानों से न सिर्फ उर्दू बल्कि दूसरी…
पुस्तक समीक्षा: ‘गूँगी रुलाई का कोरस’ यानी संगीत के बहाने समाज की चीर-फाड़
रणेंद्र का ताजा उपन्यास ‘गूंगी रुलाई का कोरस’ चर्चा में है। राजकमल प्रकाशन से आया यह उपन्यास अमेजन पर उपलब्ध…
उपन्यास, आलोचना और वीरेंद्र यादव का समाज-बोध
मार्क्सवादी साहित्यालोचक वीरेंद्र यादव के कुछ लेख और टिप्पणियां मैंने पढ़ी थीं। पर उनकी आलोचनात्मक पुस्तक पढ़ने का पहला मौका…
डॉ.कमला प्रसाद: प्रगतिशील आंदोलन का अनथक योद्धा
सज्जाद जहीर और भीष्म साहनी के बाद प्रगतिशील लेखक संघ को एक नई दिशा व ऊर्जा देने वाले डॉ. कमला…
इंदिरा गांधी नहीं गायत्री देवी से प्रेरित होकर मैंने लिखी थी ‘आंधी’: कमलेश्वर
बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी कमलेश्वर की 27 जनवरी को यानी बीते कल 14वीं पुण्यतिथि थी। 6 जनवरी, 1932 को उत्तरप्रदेश…
अमिताभ घोष का नया उपन्यासः जलवायु-परिवर्तन,शरणार्थी और संक्रमण जैसी जटिल चुनौतियों की दिलचस्प गाथा
यह एक ऐसा उपन्यास है, जिसका कथानक दुनिया के चार महाद्वीपों में फैला है! इसके चरित्र भी कई देशों से…
जयंती पर विशेष: ‘नई कहानी’ और ‘समांतर कहानी’ आंदोलन के जनक कमलेश्वर
हिन्दी साहित्य में कथाकार कमलेश्वर का शुमार उन साहित्यकारों में होता है, जिन्होंने कहानी को नई दिशा प्रदान की। हिन्दी…
तरक्की पसंद तहरीक का ब्लू प्रिंट है सज्जाद जहीर का उपन्यास ‘लंदन की एक रात’
‘‘इंसानी ज़िंदगी का दायरा सिर्फ इश्क और मुहब्बत तक महदूद नहीं। क्या इसके अलावा और बहुत से मसाइल और बहुत…