Thursday, April 25, 2024

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जन विरोधी नीतियों के खिलाफ जनसंगठन देंगे 27 नवम्बर को राजभवन के सामने धरना

झारखंड की राजधानी रांची के स्थानीय एचआरडीसी में संपन्न हुई भोजन का अधिकार अभियान एवं झारखण्ड नरेगा वाच की दो दिवसीय संयुक्त बैठक में केन्द्रीकृत किचन एवं स्कूलों को बंद रखने जैसी जन विरोधी नीतियों के खिलाफ रसोईया संघों...

त्रिलोचन के जन्मदिन पर विशेष: मैं तुमसे और तुम्हीं से बात किया करता हूं

शब्दों के सामर्थ्य पर अटल विश्वास रखने वाले कवि त्रिलोचन अपनी कविता से स्वयं क्या अपेक्षा करते हैं यह भी ध्यातव्य है। आज जब सामान्य नागरिक और सहज पाठक की रुचि से समकालीन कविता कोई तालमेल नहीं बैठा पा रही है...

आर्थिक बदहाली ने तोड़ दी है जनता की कमर

विश्व और देश की भीषण त्रासदी के दौर से गुजरता हुआ देश का आम नागरिक त्रस्त एवं  प्रताड़ित है। संक्रमण के कारण स्वास्थ्य और जीवन पर संकट की जो स्थिति मार्च 2020 में प्रारंभ हुई थी, वह निरंतर जारी रही और मार्च 2021 में भीषणतम हो...

कोरोना के साये में जनता की घटती आय और संकुचित होती अर्थव्यवस्था

अमेरिका की प्रतिष्ठित थिंक टैंक पियू रिसर्च (Pew Research ) ने हाल ही में इस विषय पर शोध किया है और अपने शोध को उन्होंने भारत और चीन पर विशेष रूप से केंद्रित किया है। अब एक नज़र पियू...

सिपाहियों की बंदूकों से नहीं, न्याय से आएगी बस्तर में शांति

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में 22 सिपाहियों की मौत हुई है। सिपाही गरीब का बेटा है। वह बंदूकधारी मजदूर है जो अपने बच्चों का पेट पालने के लिए बंदूक टांग कर नेताओं की योजना के अनुसार गरीब जनता को मारने...

गुजरात मॉडल लोगों को बेघर करने का है मॉडल

कल 10 अक्तूबर को विश्व बेघर दिवस था। बेघरी को लेकर कल इंडो ग्लोबल सोशल सर्विस सोसाइटीज (IGSSS) ने एक वेबिनार कार्यक्रम रखा। इसमें कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान और सामान्य दिनों में भी बेघर लोगों के साथ होने...

लाल किले से: सपनों के सबसे शातिर सौदागर हैं पीएम मोदी

इस सच इंकार से करना तथ्यों से मुंह मोड़ना होगा कि नरेंद्र मोदी हमारे समय में सपनों के सबसे शातिर सौदागर हैं। इस मामले में उनके सामने दुनिया का कोई नेता नहीं ठहरता है। वे अतीत की अपनी सारी...

स्थापना दिवस पर विशेष: इप्टा का इंकलाबी इतिहास और भविष्य

‘‘लेखक और कलाकार आओ, अभिनेता और नाटककार आओ, हाथ से और दिमाग़ से काम करने वाले आओ और स्वंय को आज़ादी और सामाजिक न्याय की नयी दुनिया के निर्माण के लिये समर्पित कर दो।’’ आज से 77 साल पहले...

जो सुविधाएं दान या कृपा से मिल रही हैं, वो अधिकार से प्राप्त होनी चाहिए

जब तक एक भी प्रवासी कामगार सड़क पर थका हारा, भूखा प्यासा, घिसटता हुआ अपने गांव घर जाता हुआ दिख रहा है, तब तक इस गंभीर पलायन जन्य त्रासदी में उनके हर मुद्दे और समस्या को सोशल मीडिया पर...

अद्भुत है मोदीजी की ‘कष्ट-थिरैपी’!

बात कई दिन पुरानी है, लेकिन है झकझोर देने वाली सच्ची घटना। एक नौकरशाह ने प्रधानमंत्री की चाटुकारिता करते हुए, उनका सच्चा हमदर्द बनते हुए और उनके प्रति वफ़ादारी जताते हुए कहा कि ‘सर, प्रवासी मज़दूर बहुत तकलीफ़ में...

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प्रधानमंत्री की भाषा: सोच और मानसिकता का स्तर

धरती पर भाषा और लिपियां सभ्यता के प्राचीन आविष्कारों में से एक है। भाषा का विकास दरअसल सभ्यता का...