Friday, June 2, 2023

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मित्रता में चाटुकारों से बेहतर हैं निंदक 

दोस्ती की समझ में आने वाली कोई वजह नहीं होती। दोस्ती न होने या दोस्ती टूट जाने की वजह होती है। दोस्ती अगर किसी वजह से है तो फिर इसका अर्थ है कि दो लोगों के बीच सीधा सम्बन्ध...

लड़कर नहीं, प्रकृति के संरक्षण से होगा मानवता का भला

मानव-केंद्रिकता। बहुत बड़ा शब्द है। इसका मतलब क्या है? यह विश्वास का द्योतक है कि मनुष्य दुनिया के केंद्र में है और हमारे ग्रह पर मौजूद किसी भी अन्य प्रजाति से ज्यादा महत्वपूर्ण है। इस विश्वास ने हम में...

बाज़ारों में पसरा सन्नाटा! कर्ज़ लेकर रंग-गुलाल और तेल ख़रीद रहे हैं लोग

इलाहाबाद। बहुत ही अजीब सा मौसम है। लगभग हर घर में एक दो लोग बीमार हैं। बादल रोज घेरे हुये हैं। लोग-बाग सरसों काटने में जुटे हैं। कहते हैं बूंदा-बांदी हो गई तो सरसों का एक भी दाना हाथ...

दुनिया को किस दिशा में ले जा रहा है यूक्रेन संकट

कई महीनों से लाखों की संख्या में रूसी फौज ने तीन तरफ से यूक्रेन की घेराबंदी कर रखी थी। कई सप्ताह से वास्तविक युद्ध जैसे हालात के बीच रूसी फौजों का युद्धाभ्यास जारी था। इसके साथ ही एक से...

जन विरोधी नीतियों के खिलाफ जनसंगठन देंगे 27 नवम्बर को राजभवन के सामने धरना

झारखंड की राजधानी रांची के स्थानीय एचआरडीसी में संपन्न हुई भोजन का अधिकार अभियान एवं झारखण्ड नरेगा वाच की दो दिवसीय संयुक्त बैठक में केन्द्रीकृत किचन एवं स्कूलों को बंद रखने जैसी जन विरोधी नीतियों के खिलाफ रसोईया संघों...

त्रिलोचन के जन्मदिन पर विशेष: मैं तुमसे और तुम्हीं से बात किया करता हूं

शब्दों के सामर्थ्य पर अटल विश्वास रखने वाले कवि त्रिलोचन अपनी कविता से स्वयं क्या अपेक्षा करते हैं यह भी ध्यातव्य है। आज जब सामान्य नागरिक और सहज पाठक की रुचि से समकालीन कविता कोई तालमेल नहीं बैठा पा रही है...

आर्थिक बदहाली ने तोड़ दी है जनता की कमर

विश्व और देश की भीषण त्रासदी के दौर से गुजरता हुआ देश का आम नागरिक त्रस्त एवं  प्रताड़ित है। संक्रमण के कारण स्वास्थ्य और जीवन पर संकट की जो स्थिति मार्च 2020 में प्रारंभ हुई थी, वह निरंतर जारी रही और मार्च 2021 में भीषणतम हो...

कोरोना के साये में जनता की घटती आय और संकुचित होती अर्थव्यवस्था

अमेरिका की प्रतिष्ठित थिंक टैंक पियू रिसर्च (Pew Research ) ने हाल ही में इस विषय पर शोध किया है और अपने शोध को उन्होंने भारत और चीन पर विशेष रूप से केंद्रित किया है। अब एक नज़र पियू...

सिपाहियों की बंदूकों से नहीं, न्याय से आएगी बस्तर में शांति

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में 22 सिपाहियों की मौत हुई है। सिपाही गरीब का बेटा है। वह बंदूकधारी मजदूर है जो अपने बच्चों का पेट पालने के लिए बंदूक टांग कर नेताओं की योजना के अनुसार गरीब जनता को मारने...

गुजरात मॉडल लोगों को बेघर करने का है मॉडल

कल 10 अक्तूबर को विश्व बेघर दिवस था। बेघरी को लेकर कल इंडो ग्लोबल सोशल सर्विस सोसाइटीज (IGSSS) ने एक वेबिनार कार्यक्रम रखा। इसमें कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान और सामान्य दिनों में भी बेघर लोगों के साथ होने...

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