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जन्मदिन पर विशेष: समता मूलक समाज की अलख जगाने कई बार उत्तर प्रदेश पहुंचे थे पेरियार
उपलब्ध विवरण के अनुसार रामासामी ई वी नायकर पेरियार उत्तर प्रदेश में 1944, 1959 तथा 1968 में आए थे। 1944 व 1959 में वे उत्तर [more…]
जन्मदिवस पर विशेष: जाति, पितृसत्ता और ब्राह्मणवादी राष्ट्रवाद के विध्वंसक पेरियार
हम, खासकर उत्तर भारत के लोग ई.वी. रामासामी नायकर ‘पेरियार’ (17 सितंबर 1879 – 24 दिसंबर 1973) के बारे में नहीं जानते हैं या बहुत [more…]
उदयनिधि स्टालिन विवाद: द्रविड़ राजनीति के मूल में है तर्कवाद और नास्तिकता
नई दिल्ली। डीएमके नेता और तमिलनाडु सरकार में युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि के बयान- “सनातन धर्म सामाजिक न्याय का विरोधी है इसे खत्म करना होगा”- [more…]
उदयनिधि स्टालिन के बयान से बेचैन हो उठे लोग अंबेडकर-पेरियार को कैसे बर्दाश्त करेंगे?
उदयनिधि स्टालिन ने ऐसा क्या कह दिया है, जिस पर इतना हंगामा बरपा हुआ है? ‘इंडिया’ गठबंधन के धीरे-धीरे आकार लेते जाने और राजनीतिक रंगमंच [more…]
संभाजी भिड़े पर मामला दर्ज; गौतम बुद्ध, गांधी, फुले और पेरियार पर की थी ‘अपमानजनक’ टिप्पणी
नई दिल्ली। महाराष्ट्र पुलिस ने गौतम बुद्ध, ज्योतिबा फुले और पेरियार जैसे समाज सुधारकों के बारे में कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए [more…]
भारत में प्रबोधन के महानायक पेरियार ललई सिंह
उत्तर भारत के हिंदी क्षेत्र को लेकर यह धारणा बनी हुई है कि जहां हिंदी पट्टी ने स्वाधीनता आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई, वहीं [more…]
भारत के वॉल्टेयर(पेरियार)किताब: हिंदी पट्टी के लिए एक बौद्धिक पूंजी
‘पेरियार ई. वी. रामासामी, भारत के वॉल्टेयर’ किताब रूप में लेखक ओमप्रकाश कश्यप ने हिंदी पट्टी को एक बड़ी बौद्धिक पूंजी सौंपी है, जिसकी हिंदी [more…]
जन्मदिन पर विशेष: भविष्य की दुनिया की पेरियार की परिकल्पना
(आज रामासामी पेरियार का जन्मदिन है, भारत को आधुनिक राज्य बनाने में जितनी भूमिका डॉ. आंबेडकर की है, उतनी ही पेरियार की भी है। अपनी-अपनी [more…]
नए नेतृत्व की तलाश में दलित राजनीति
इतिहास सिखाता है और अपने आपको दोहराता भी है। बहुत साफ-साफ यह सच दलित, शोषित और वंचितों के आन्दोलन में दिखाई दे रहा है। समतामूलक [more…]
बुद्ध पूर्णिमा पर विशेष: बुद्ध धम्म और भारत में प्रतिरोध की बहुजन-श्रमण प्रगतिशील परंपरा
मार्क्स ने कहा था “अब तक विद्यमान सभी समाजों का लिखित इतिहास वर्ग संघर्ष का इतिहास है।” यह वर्ग-संघर्ष विचारों के संघर्ष के रूप में [more…]