राजनीतिक अफवाह नहीं, न्यायपूर्ण शांति और सद्भाव सब का हक है

भारत में पिछले कई सालों से साधारण बातचीत से लेकर गंभीर चर्चा और ज्ञान-विमर्श यानी समाज में लगभग सर्वत्र विचित्र…

आम चुनाव 2024: राजनीति में कहां पहुंची महिलाएं?

आज देश में महिला सशक्तिकरण का आलम यह है कि 18वीं लोक सभा में महिलाओं का प्रतिशत 78 यानी 14.4%…

राहुल गांधी का हिन्दू धर्म बनाम आरएसएस का हिंदुत्व

लोकसभा के हालिया (2024) चुनावों के परिणामों ने संसद को बहस और चर्चा का सार्थक मंच बना दिया है। वहां…

अग्निपथ एवं अग्निवीर: सैन्य सुधार का एक केंद्रित परीक्षण

सेना के दिग्गज जून 2022 में सशस्त्र बलों में पेश की गई बहुप्रचारित और साहसपूर्वक योजना अग्निपथ के बारे में…

राष्ट्रपति को किसी अन्य का लिखा अभिभाषण पढ़ने के बोझ से मुक्ति मिलनी चाहिए?

हमारे देश में राष्ट्रपति को प्रथम नागरिक का स्थान और सर्वोच्च संवैधानिक हैसियत प्राप्त है। इसका चाहे कितना भी महिमा…

दक्षिणपंथी राजनीति के पराभव का प्रारंभ

जैसा कि सर्वविदित है भारत में घोर दक्षिण पंथी मंदिर-मस्जिद के नाम पर तथा एक विशेष कौम के प्रति नफ़रत…

क्या देश एक बड़े टकराव की ओर बढ़ रहा है?

देश एक बड़े टकराव की ओर बढ़ रहा है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर मोदी ने जो जवाब दिया, उसके नैरेटिव…

निर्मला सीतारमण के आगामी पूर्ण बजट में क्या देखना चाहिए?

अब जबकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगले दो सप्ताह में मोदी सरकार के लिए रिकॉर्ड सातवीं बार बजट पेश करने…

आफतकाल लाने वालों के बीते आपातकाल पर बरसते घड़ियाली आंसू

नयी संसद की शुरुआत की रस्म से पहले ही मोदी और उनके कुनबे ने 49 साल पहले लगी इमरजेंसी को…

संविधान को बदलने का मतलब समझना जरूरी है

यह लोकतंत्र में रस्साकशी का नया दौर है। लोकतंत्र की नई चमक के सामने कुछ देर के लिए ही सही,…