Wednesday, March 29, 2023

politics

तारे कब उतरेंगे जमीन पर!

अनुराग कश्यप का ट्विटर पर लौटना साहस के नये दरवाजे खोलने की तरह है। मशहूर लोगों की चमकती दुनिया के कुछ सितारे वास्तव में सितारे हैं, क्योंकि उन्होंने माना है कि उनका प्रकाश एक विराट सार्वभौमिकता का हिस्सा है,...

पंजाब में ‘बादलों’ के विरोध में बड़े ‘अकाली मोर्चे’ की तैयारी

पंजाब की सिख राजनीति में एक बड़ा धमाका हुआ है और इसका सबसे ज्यादा झटका प्रकाश सिंह बादल की सरपरस्ती और सुखबीर सिंह बादल की अध्यक्षता वाले शिरोमणि अकाली दल को लगा है। कुछ दिन पहले बागी तेवरों के...

एसजीपीसी, सियासत और बादल

सिखों की पार्लियामेंट मानी जाने वाली एसजीपीसी (शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी) पर फिर बादलों की अगुवाई वाले शिरोमणि अकाली दल का एक एकमुश्त कब्जा हो गया है। 2017 में पहली बार इस सर्वोच्च धार्मिक संस्था के प्रधान बने गोबिंद सिंह लोंगोवाल, प्रकाश...

नेहरू: चट्टानी राजनीति की छाती पर अपना अस्तित्व जमाने वाला गुलाब का पौधा

बीसवीं सदी के भारत पर सबसे ज़्यादा असर नेहरू का रहा है। गांधी के प्रभाव की नस्ल जुदा है। रवीन्द्रनाथ टैगोर के शब्दों में जवाहरलाल ‘भारतीय जीवन के ऋतुराज‘ थे। विनोबा ने ‘उन्हें ‘स्थितप्रज्ञ‘ कहा। एक प्रख्यात विदेशी पत्रकार ने उनकी तुलना शेक्सपियर...

गांधी दर्शन: समरसता की बुनियाद पर टिकी अर्थव्यवस्था और राजनीति

हम सब विकास के जिस मॉडल को आदर्श मानते हैं वह मनुष्य विरुद्ध प्रकृति के नैरेटिव पर आधारित है। यही कारण है कि हमारी अभिव्यक्तियां प्रकृति पर विजय प्राप्त करना और प्रकृति को अपने अधीन करना जैसी होती हैं। प्रकृति के...

आखिर छात्र राजनीति से डरती क्यों हैं हुकूमतें ?

जो भी दल सत्ता में होता है वो छात्रसंघ चुनाव से बचना चाहता है और जो विपक्ष में होता है वो इसकी पैरवी करता है। छत्तीसगढ़ में भी इसी तर्ज पर इस साल छात्रसंघ चुनाव की बजाय मनोनयन की राह पर...

कारपोरेट राजनीति के बदलाव का गांधीवादी तरीका

लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे आने पर कई संजीदा साथियों ने गहरी चिंता व्यक्त की कि नरेंद्र मोदी की एक बार फिर जीत संविधान और लोकतंत्र के लिए बहुत बुरा संकेत हैं। पिछले पांच सालों के दौरान धर्मनिरपेक्ष और प्रगतिशील साथियों से...

राजनीति को ठीक किए बगैर नहीं होगी अर्थव्यवस्था दुरुस्त

मोदी जी समझते हैं कि वे जितना कहते हैं, लोग उतना ही समझते हैं। कहने वाले और सुनने वाले के बीच दूसरे ऐसे अनेक अनुभव काम करते रहते हैं जो कहे गये शब्द अपने अर्थ को प्राप्त करें, उसके पहले ही...

खास राजनीति से जुड़ा हुआ है यह आर्थिक संकट

काला धन और सफ़ेद धन का फ़र्क़ यही है कि जिस धन में से सरकार के राजस्व का शोधन कर लिया जाता है, वह काले से सफ़ेद हो जाता है। एक कच्चा तेल है और दूसरा परिशोधित । चीन के चार आधुनिकीकरण...

“सामाजिक न्याय की भ्रष्ट राजनीति ने भाजपा का मार्ग प्रशस्त किया”

मोदी कह रहे हैं कि हम देश को बदल रहे हैं लेकिन इनके इस बदलाव के रास्ते से किसान, मजदूर, मध्यमवर्ग, छोटे-मोटे व्यापारी कल कारखाने वाले व छात्र नौजवान तबाह हो जाएंगे। मोदी देश को बुलेट व काले कानून के द्वारा चलाना...

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पुलिस और अर्द्ध सैनिक बलों का कोल्हान आदिवासियों के खिलाफ बर्बर युद्ध अभियान

रांची। झारखंड का कोल्हान वन क्षेत्र में इन दिनों युद्ध सा माहौल बना हुआ है। खासकर 1 दिसम्बर 2022...