Thursday, April 25, 2024

politics

विराट व्यक्तित्व के मालिक थे जवाहरलाल नेहरू

स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक, पंडित जवाहर लाल नेहरू का भारतीय इतिहास में अविस्मरणीय योगदान है। परतंत्र भारत में पंडित नेहरु का महत्व जहां देश को स्वतंत्र कराने के लिए किए गए उनके अथक प्रयासों के...

महाराष्ट्रः जहां महामारी एक राजनीति भी है

निश्चित तौर पर यह बात बेहद चिंताजनक है कि मुंबई में 32 हजार से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं और पूरे महाराष्ट्र में यह संख्या 50 हजार से ज्यादा है। लेकिन उतनी ही चिंताजनक है वहां की...

महामारी में विज्ञान और धर्म

कोरोना महामारी के दौर में तबलीगी जमात की नामसझ गतिविधियों ने अपना और देश-दुनिया का जो नुकसान किया है उससे यह बात उजागर हो रही है कि धर्म का कट्टर और संगठित रूप मानवता के लिए कितना घातक है।...

अथातो चित्त जिज्ञासा: मनस्तात्विक विश्लेषण की एक संक्षिप्त शास्त्रीय पृष्ठभूमि

(जॉक लकान के मनोविश्लेषण के सिद्धांतों पर केंद्रित एक विमर्श की प्रस्तावना) मनस्तात्विक विश्लेषण की एक संक्षिप्त शास्त्रीय पृष्ठभूमि जब भी हम आदमी के मन या चित्त की कल्पना करते हैं, हमें उसका शुद्ध रूप एक अनादि, अनंत, अपौरुषेय शून्य ही...

क्यों चूक जा रही हैं वामपंथी ताक़तें?

वाम ताकतें क्या अब सिर्फ झाड़ू बुहारने के ही काम आने वाली हैं? यह मैं नहीं लिखता। लेकिन सुबह ही देहरादून से एक जुझारू साथी का फोन आया है। आप दशकों से लेखन और पत्र पत्रिकाओं के सम्पादन का काम...

माहेश्वरी का मत: चीजों को समझने में क्यों नाकाम हो रहे हैं विपक्षी राजनीतिक दल?

आरएसएस और मोदी के इतिहास से परिचित कोई साधारण आदमी भी दिल्ली के दंगों और आगे इनकी और पुनरावृत्तियों का बहुत सहजता से पूर्वानुमान कर सकता है। फिर भी कथित रूप से दूरगामी लक्ष्यों को सामने रखने वाले राजनीतिक...

कांग्रेस पर कनक दृष्टि: अमरबेलों से जकड़ा वटवृक्ष

(छत्तीसगढ़ के एडवोकेट जनरल रह चुके कनक तिवारी न्याय के युद्ध क्षेत्र में केवल कालीकोट को ही हथियार नहीं बनाते बल्कि समय पड़ने पर वह कलम की तलवार भी उठाने से नहीं चूकते। कांग्रेस के साथ एक जमाने से...

सही होकर भी गलत क्यों हो जाते हैं राहुल गांधी ?

राहुल गांधी मतलब भारतीय राजनीति में विपक्ष का एक चेहरा। इसे कमज़ोर विपक्ष का चेहरा भी कह सकते हैं। मगर, यह चेहरा ऐसा है जो किसी भी दिन सुर्खियों से दूर नहीं रहता। राहुल नहीं चाहते हैं तब भी...

दिल्ली में हिंदू खतरे से बाहर, बिहार में अब धर्म को संकट में ले आने की तैयारी

दिल्ली में धर्म पर मंडरा रहा खतरा अब टल गया है! सुनने में आ रहा है कि खतरा अब बिहार की तरफ कूच की तैयारी में है! हो सकता हो कि 11 तारीख को खतरे के बादल छंट भी...

माहेश्वरी का मत: भारतीय राजनीति और इतिहास की अद्वितीय परिघटना है नागरिकता कानून विरोधी आंदोलन

नागरिकता कानून विरोधी आंदोलन की गहराई और विस्तार ने भारत को आज सचमुच बदल डाला है। सिर्फ छः महीने पहले पूर्ण बहुमत से चुन कर आए मोदी और उनके शागिर्द शाह का आज देश के आठ राज्यों में तो जैसे प्रवेश ही...

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बेहद कमजोर जमीन पर खड़ी भाजपा की ताक़त

जब नरेंद्र मोदी ने 400 पार का नारा दिया था, तो इसके पीछे दो बड़ी वजहें थीं, एक तो...