भारत का राजनीतिक सिस्टम निरंकुशता की ओर घूम रहा है। विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया जाना, बलपूर्वक राहुल गांधी को अयोग्य करार देना, सिविल सोसाइटी और रिसर्च संगठनों के पीछे पड़ जाना, जानकारी की सेंसरशिप, विरोध प्रदर्शनों पर सेंसरशिप।...
कॉर्पोरेट खेमे के प्रखर पब्लिक इंटेलेक्चुअल प्रताप भानु मेहता की अशोका यूनिवर्सिटी से मोदी के इशारे पर हुई छुट्टी को मशहूर स्तंभकार तवलीन सिंह के अपमानित होकर मोदी कैंप से बाहर किये जाने के प्रसंग से भी समझा जा...