quit india movement
बीच बहस
जन्मशती वर्ष में पुण्य स्मरण: ऐसे ही नहीं बनते मधु दंडवते
जन्मशती वर्ष में मधु दंडवते (21 जनवरी 1924-12 नवंबर 2005) का स्मरण जहां प्रेरणा देने वाली ऊर्जा से भर देता है वहीं अपने दौर के अनैतिक और बेहद कम पढ़े लिखे नेताओं पर नजर दौड़ाने से एक प्रकार की...
बीच बहस
अगस्त क्रांति: नव-साम्राज्यवादी गुलामी के दलदल में भारत का शासक-वर्ग
‘‘यह एक छोटा-सा मंत्र मैं आपको देता हूं। आप इसे हृदय पटल पर अंकित कर लीजिए और हर श्वास के साथ उसका जाप कीजिए। वह मंत्र है- ‘करो या मरो’। या तो हम भारत को आजाद करेंगे या आजादी...
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‘अंग्रेज़ों! भारत छोड़ो’ आंदोलन और गांधी जी का यादगार भाषण
1942 के पहले जब 1938–39 में इस बात की संभावना बन गयी थी कि द्वितीय विश्वयुद्ध होगा ही, तब नेताजी सुभाष का विचार था कि युद्ध के समय पर ही अंग्रेजों के खिलाफ आज़ादी की एक निर्णायक जंग छेड़ी...
ज़रूरी ख़बर
भारत छोड़ो आन्दोलन की वर्षगाँठ पर किसान पुलिस दमन का शिकार
Janchowk -
आज अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस के अवसर पर हजारों की संख्या में, कोठागुडेम, तेलंगाना में एआईकेएमएस के नेतृत्व में, आदिवासियों ने वन अधिकार कानून 2006 के अमल, खेती के तीन काले कानून रद्द कराने और वन उत्पादों व सभी फसलों...
संस्कृति-समाज
मुश्किल में देश…1942 को फिर से जगाने की जरूरत
आज नौ अगस्त है। आज के दिन ही 1942 में मुबई के गोवालिया टैंक मैदान में अरूणा आसफ अली ने तिरंगा फहरा कर आजादी की घोषणा की थी तथा अंग्रेजों को भारत छोड़ने का अल्टीमेटम दिया था। आठ अगस्त,...
संस्कृति-समाज
भारत छोड़ो आंदोलन और गांधीजी का यादगार भाषण
1920 से 1948 तक का कालखंड, भारतीय इतिहास में गांधी युग के नाम से जाना जाता है। अगर कोई एक वाक्य में गांधी की स्वाधीनता संग्राम में योगदान के बारे में पूछे तो, उसका उत्तर होगा,
एक तो, गांधी ने...
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स्मृति शेष: सत्यजीत राय- वह जीनियस फ़िल्मकार जिसने पहली फिल्म से इतिहास रचा
सत्यजित राय देश के ऐसे फ़िल्मकार हैं, जिनकी पहली ही फ़िल्म से उन्हें एक दुनियावी शिनाख़्त और बेशुमार शोहरत...
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