Estimated read time 2 min read
राजनीति

चार साल देर के बाद भी भारत की जनगणना क्यों रुकी पड़ी है? 

भारतीय जनगणना अधिनियम-1948 के तहत हमारे देश में हर दस साल के अंतराल पर राष्ट्रीय जनगणना कराने का प्रावधान है। हर दस साल के अंतराल [more…]

Estimated read time 1 min read
बीच बहस

‘महाकुंभ’ में डुबकी न लगाने का साहस कर, राहुल गांधी ने वह काम कर दिखाया, जिसकी हिम्मत नेहरू-गांधी भी नहीं जुटा पाए थे 

मानव जाति के इतिहास में दो तरह के नेता हुए हैं, एक तरह के वे जो जनता की पिछड़ी भावनाओं, आस्थाओं, यहां तक कि अंधविश्वासों [more…]

Estimated read time 1 min read
बीच बहस

विश्व में डंका और महाकुम्भ का दम्भ

हमारा प्यारा भारत देश इन दिनों वृहत्तर परेशानियों से घिरता जा रहा है। कहां 2014 से लेकर 2023 तक कथित तौर पर देश का डंका [more…]

Estimated read time 1 min read
ज़रूरी ख़बर

महाकुम्भ के जुनून में आदिवासी बच्चा घर से भागा

महाकुम्भ का जनप्रवाह देखकर नाज़ुक मन वाले बच्चों पर इसका नशा तारी है। वे पाप पुण्य नहीं जानते। गंगा नदी के नाम से भी परिचित [more…]

Estimated read time 1 min read
बीच बहस

श्री रामकृष्ण परमहंस: “जतो मत, ततो पथ”, यानी धार्मिक विविधता की स्वीकृति का दर्शन

श्री रामकृष्ण परमहंस (1836–1886) उन्नीसवीं सदी के भारतीय संत और आध्यात्मिक गुरु थे, जिन्होंने सभी धर्मों की एकता पर विशेष ज़ोर दिया। वे मां काली [more…]

Estimated read time 1 min read
संस्कृति-समाज

मूल्यों और प्रगति को बदरंग करता अंधविश्वास,धर्म और आध्यात्मिकता का घालमेल

जितना पुराना धर्म है, उससे कहीं ज़्यादा पुराना शायद अंधविश्वास है। शुरुआत में हर धर्म सही मायने में उस समय के समाज में फैले अंधविश्वास [more…]

Estimated read time 3 min read
संस्कृति-समाज

पुस्तक समीक्षा: मिथक, धर्म, और विज्ञान : मिथकों से विज्ञान तक की कहानी

0 comments

पिछले दिनों मैंने एक अच्छी किताब पढ़ी, जिसका नाम है “मिथकों से विज्ञान तक”I  इसके लेखक हैं गौहर रज़ा। इसका प्रकाशन पेंगुइन स्वदेश ने किया हैI लेकिन [more…]

Estimated read time 1 min read
राज्य

अफ़सोसनाक है, महाकुम्भ में नाबालिग बच्चों का दान

पिछले दिनों आगरा के एक पेठा व्यवसायी ने अपनी नाबालिग 13 साल की बेटी को जूना अखाड़े के महंत को दान दे दिया। कहा जा [more…]

Estimated read time 1 min read
बीच बहस

दुष्यंत दवे का लेख: जब कोर्ट खुद करते हैं अपनी ही अवमानना

पूजा स्थल कानून जिसे 1991 में पारित किया गया था, संविधान के बुनियादी मूल्यों की सुरक्षा करता है। कानून दो कभी न बदलने वाले और [more…]

Estimated read time 1 min read
संस्कृति-समाज

धर्म के नाम पर ऐ दोस्‍त मत ऐसा करो

जब हम किसी को अच्‍छा काम करते देखते हैं तो अक्‍सर कहते हैं कि आप धर्म-पुण्‍य का काम कर रहे हो, अच्‍छा है। धर्म-पुण्‍य यानी [more…]