संविधान निर्माता बाबा साहब भीम राव आंबेडकर ने संविधान बनाते समय यह कभी सोचा भी नहीं होगा कि कभी न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका के साथ मिलकर सरकार में बैठे आकाओं को खुश करने के लिए कानून के शासन की...
कैमूर। ‘‘जल-जंगल-जमीन हम आपका, नहीं किसी के बाप का’’, ‘‘जल-जंगल-जमीन हमारा है, वन विभाग की जागीर नहीं’’, ’‘ ये धरती सारी हमारी है, जंगल-पहाड़ हमारे हैं’’, ‘‘ लोकसभा न विधानसभा, सबसे ऊपर ग्रामसभा’’, ‘‘बाघ अभ्यारण्य को हटाना है, जल-जंगल-जमीन...
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और देश के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने केंद्र सरकार द्वारा चोर दरवाजे से देश की बैंकिंग व्यवस्था को कार्पोरेट के हाथों में सौंपे जाने की कोशिशों का कड़ा विरोध किया है।
चिदंबरम ने प्रेस...
वह समाज खूबसूरत होता है जो अपनी कमियों को हंसते हुए स्वीकार करे और उसे ठीक करने के लिए कमर कस ले। यह हरेक इंसान के लिए भी जरूरी है। हर आदमी शीशे में अपना चेहरा देखते हुए थोड़ा...
कोरोनावायरस की महामारी ने पूंजीवाद के इंजन को रोक दिया है। परन्तु यह एक अस्थाई स्थिति है। आज जब पूरी मनुष्य जाति कुछ समय के लिए अपने घरों में कैद है तब धरती ने खुद ही अपने ज़ख्म भरने...
रिजर्व बैंक से
अंतत: एक लाख छियत्तर हज़ार करोड़ रुपये केंद्र सरकार ने लेकर दिवालिया हो रही
निजी कंपनियों के तारणहार की भूमिका अदा करने और चंद दिनों के लिये अपने खुद के
वित्त में सुधार करने का जुगाड़ कर लिया है...
रिज़र्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य के उस भाषण की अभी काफी चर्चा
है जिसमें उन्होंने अर्थ-व्यवस्था की बीमारी के मूल में मोदी सरकार की
फिजूलखर्चियों की बातें कही थीं। वे अपने भाषण में तथ्य देकर बताते हैं कि जीडीपी
का...