बौद्ध धर्म के देश-विदेश में प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मौर्य वंश के राजा सम्राट अशोक के बहाने एक बार फिर बौद्ध धर्म आरएसएस के खूंखार हिंदुत्ववादी निशाने पर है।
आरएसएस के एजेंडे का साहित्यिक रुपांतरण करने वाले...
उर्दू अदब में बरेली ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। इस साल उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी ने उर्दू के जिन दो रचनाकारों को सम्मानित किया है, दोनों का वास्ता बरेली शहर से है। इस बार यह पुरस्कार उर्दू...
अमृतराय (15.08.1921-14.08.1996) का जन्म शताब्दी वर्ष चुपचाप गुजर रहा था और उनके मूल्यांकन को लेकर हिंदी जगत में कोई चर्चा नहीं थी। ‘लमही’पत्रिका ने इस कमी को पूरा करते हुए उन पर सवा तीन सौ पृष्ठों का भारी-भरकम डिजिटल...
प्रेमचंद जब अपनी लेखनी से गुलाम जनता में आज़ादी का मानस जगा रहे थे तब कुबेर का खज़ाना उनके पास नहीं था सत्ता की दी हुई जागीरदारी नहीं थी। यह तथ्य बताता है की साहित्य रचने के लिए धन...
'शववाहिनी गंगा' कविता लिखने वाली गुजराती कवि पारुल खाखर 'अराजक' हैं और इस कविता को सराहने वाले 'साहित्यिक नक्सली'! ये मेरा नहीं गुजरात साहित्य अकादमी के अध्यक्ष विष्णु पांड्या का कहना है।
दरअसल गुजरात साहित्य अकादमी के अध्यक्ष विष्णु पांड्या...
दरवाजा
मैं एक दरवाजा थी
मुझे जितना पीटा गया
मैं उतना खुलती गई
अंदर आए आने वाले तो देखा_
चल रहा है एक वृहद चक्र_
चक्की रूकती है तो चरखा चलता है,
चरखा रुकता है तो चलती है कैंची सुई
गरज यह है कि चलता ही रहता...
जब बांग्ला साहित्य और समाज की उदार और विद्रोही चेतना को हिंदी इलाके के संकीर्ण राष्ट्रवाद और बंगाल में पहले से मौजूद हिंदू चेतना से पराजित करने का राजनैतिक अभियान और सांस्कृतिक आख्यान अपने चरम पर हो तब प्रोफेसर...
उदयनारायण तिवारी की पुस्तक है ‘भोजपुरी भाषा और साहित्य’। यह पुस्तक 1953 में छपकर आई थी। लेखक ने पुस्तक के पहले संस्करण में ‘दो शब्द’ में अपने समय में हिंदी और भोजपुरी को लेकर छायी हुई गलतफहमियों पर कुछ...