मैं जब इंजीनियरिंग प्रथम वर्ष का छात्र था तब मेरे मित्र कृष्णानंद के पड़ोसी छोटे उर्फ राम दुलारे ने मुझे…
ग्राम्शी के आर्गेनिक जन बुद्धिजीवी के प्रतिमान राहुल सांकृत्यायन
“अंत में मनुष्य अवश्य अपने ध्येय पर पहुंचेगा। वह ध्येय है-समस्त मानवों की समता, परस्पर प्रेम और सार्वत्रिक सुख-समृद्धि।” —राहुल…
राहुल सांकृत्यायन के भोजपुरी नाटक ‘मेहरारुन के दुरदसा’ के संदर्भ में स्त्री विमर्श
राहुल सांकृत्यायन एक, अत्यंत प्रतिभाशाली व्यक्तित्व थे। उन्होंने, भरपूर यात्रायें की। चार खंडों में उनकी आत्मकथा मेरी जीवन यात्रा बेहद…