Saturday, April 27, 2024

Senior journalist Shesh Narain Singh

स्मृति शेष: शेषनारायण सिंह

सिरहाने 'मीर' के आहिस्ता बोलोअभी तकी रोते-रोते सो गया हैमीर तकी ‘मीर’ (1723 – 1810)अदब की दुनिया में 'ख़ुदा-ए-सुख़न’ यानि शायरी का ख़ुदा माने जाने वाले उर्दू के बड़े शायर ‘मीर’ यकीनन, सीनियर सहाफी शेषनारायण सिंह को नहीं जानते...

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मुजफ्फरपुर। “हम लोग बहुत मजबूर हैं, समयानुसार खेतों की जुताई-बुआई करनी पड़ती है। खेतों में सिंचाई तो स्वयं कर...