Tag: Sheikh Hasina
इतना कैसे बदल गया बांग्लादेश?
बांग्लादेश बदल गया है। इसका नतीजा वहां के अल्पसंख्यक भुगत रहे हैं। अल्पसंख्यकों पर गाहे-ब-गाहे ज्यादती पहले भी होती थी। लेकिन ऐसी घटनाओं पर राज्य [more…]
शेख हसीना के बाद क्या बांग्लादेश में तानाशाही का दौर खत्म हो गया?
क्या बांग्लादेश से अत्याचार मिट गया है? क्या बांग्लादेश ने वह शासन प्राप्त कर लिया है, जिसका सपना उसने सभी शोषित और उत्पीड़ित जनता के [more…]
विश्व: डगमगाता लोकतंत्र, उभरती निरंकुश सत्ताएं!
आज दुनिया के हर कोने में सत्ताधारियों के लिए उदार लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं असहनीय बनती जा रही हैं। उनका झुकाव निरंकुशता की तरफ बढ़ने लगा है; [more…]
बांग्लादेश में उदारीकरण के खिलाफ जन विप्लव के सबक
21वीं सदी में जन विद्रोह का चरित्र 20वीं सदी से थोड़ा भिन्न दिख रहा है। 20वीं सदी के प्रथम चौथाई के पहले महान रूसी क्रांति [more…]
बांग्लादेश को भारत विरोधी मुल्क बनने से तत्काल रोकने की जरूरत
दो दिन पहले बांग्लादेश में अचानक से भारी बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। असल में पिछले कुछ दिनों से त्रिपुरा में बाढ़ की स्थिति [more…]
बांग्लादेश में जन विप्लव भाग-2 : शेख हसीना की सरकार का पतन
उदारीकृत दुनिया में लोकतंत्र की परिधि लगातार सिकुड़ती जा रही है। उपनिवेशोत्तर दुनिया के बाद आजाद हुए मुल्कों का शासक वर्ग 20 वीं सदी के [more…]
क्या अब बांग्लादेश को अडानी की बिजली नहीं चाहिए?
बांग्लादेश संकट पर देश में भांति-भांति से सोचा जा रहा है, या कहें सोचने के लिए विवश किया जा रहा है। वैसे भी सोचने-समझने का [more…]
बांग्लादेश में कहां तक है ‘अमेरिकी हाथ’?
बांग्लादेश में अराजकता की स्थिति है। कहा जा सकता है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजेद के पांच अगस्त को देश से भागने के बाद [more…]
ग्रामीण अर्थव्यवस्था का राजनीतिक अर्थशास्त्र और बांग्लादेश में प्रो. मुहम्मद यूनुस का उभारः एक मूल्यांकन
हमारे पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में पिछले दो महीने से छात्रों का जो आंदोलन चल रहा था उसका पटाक्षेप वहां की प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद [more…]
यह केवल बांग्लादेश का संकट नहीं, इन्हीं रास्तों पर चलने वाले देशों के लिए सबक भी है
बांग्लादेश में छात्र आंदोलन की लहर के आगे शेख हसीना सरकार की तानाशाही काम नहीं आई, और उन्हें सत्ता ही नहीं अपनी जान तक के [more…]