प्रतिशोध से परे: निर्भया के बाद न्याय और गरिमा पर पुनर्विचार

लगभग 12 वर्ष पहले जिस घटना ने राष्ट्र की अंतरात्मा को झकझोर दिया और मानवता के प्रति हमारी भावनात्मक समझ…

हमारा संविधान, सुप्रीम कोर्ट और समाजवाद की परिभाषा

भारतीय संविधान की उद्देशिका से ‘‘समाजवाद’’ की संज्ञा को हटाने की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए, 22 नवंबर को…

अल्पसंख्यक दिवस: अल्पसंख्यकों के भी बहुसंख्यकों जैसे ही अधिकार होते हैं

एक ऐसे देश में जहां न्यायमूर्ति तक यह कहने लगे हैं कि देश बहुसंख्यक की इच्छानुसार चलेगा, बहुत कम लोगों…

झूठा मामला दर्ज करना और साक्ष्य में हेरफेर करना लोक सेवक के आधिकारिक कर्तव्य का हिस्सा नहीं: सुप्रीम कोर्ट

“किसी लोक सेवक द्वारा अपने अधिकारों का दुरुपयोग या दुराचार, जैसे कि किसी को बयान देने के लिए धमकाना या…

कौन कौन खों धरियों नाव, कंबल ओढ़ें सबरो गांव

यह कहावत कभी बुरी तरह बिगड़े गांव के लिए बुंदेलखंड में कही गई थी लेकिन आजकल देश इतनी तेजी से…

मानवाधिकार और कानून का शासन: नागरिकों की सुरक्षा कैसे करें ?

राज्य शक्ति और मानवाधिकारों के विरोधाभास से परे जो बात नहीं है, वह यह है कि राज्य सभी नागरिकों के लिए…

पुस्तकों की दुर्गति से मर्माहत हूं : हेलेना

वाराणसी। आज सत्याग्रह के 93 वें दिन उपवास पर सिक्किम से आई हेलेना लेप्चा बैठी हैं। उत्तर प्रदेश के चंदौली…

संभल मस्जिद, अजमेर दरगाह-आखिर हम कितने पीछे जाएंगे

सन 1980 के दशक में देश में शांति-व्यवस्था और प्रगति पर गम्भीर हमले हुए। साम्प्रदायिक ताकतों के हाथ एक नया…

बाबरी मस्जिद विध्वंस: क्या इससे हमने कोई सबक सीखा?

6 दिसम्बर 1992 को लाखों उन्मादी भीड़ ने उत्तर प्रदेश की अयोध्या में पुलिस प्रशासन के‌ सहयोग से एक मध्यकालीन…

ज्ञानवापी से संभल: चंद्रचूड़ को कहां रखने की जरूरत है?

“अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, जबलपुर बनाम शिवाकांत शुक्ल” मामले में मुख्य मुद्दा यह था कि आपातकाल के दौरान, क्या व्यक्ति अनुच्छेद…