आधुनिक बांग्ला नाट्य मंच में शंभु मित्र की पहचान शीर्षस्थ नाटककार, अभिनेता और निर्देशक के रूप में है। उनकी पूरी जिंदगी नाटक के लिए समर्पित रही। उन्होंने न सिर्फ़ नाटकों में अभिनय-निर्देशन किया, बल्कि फ़िल्मों में भी अपने आप...
निर्विवाद रूप से यह यह स्वीकार्य है कि गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर एक विलक्षण प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे। उनका व्यक्तित्व बहुआयामी था। वे एक ही साथ साहित्यकार, संगीतज्ञ, समाज सुधारक, अध्यापक, कलाकार एवं संस्थाओं के निर्माता थे। वे एक...
गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर एक अंतरराष्ट्रीय व्यक्तित्व थे। बंगाल के कुछ बेहद सम्पन्न लोगों में उनका परिवार आता था। उनके बड़े भाई सत्येंद्र नाथ टैगोर, देश के प्रथम हिंदुस्तानी, 1864 बैच के आईसीएस थे। अपने माता-पिता की आठ संतानों...
दावत चाहे किसी धन कुबेर की हो या किसी निर्धन की, उसमें एक गर्म जोशी होती है, मिलने मिलाने का सिलसिला होता है और मेहमान और मेजबान के बीच संवाद होता है। पर कुछ दावतें ऐसी भी होती हैं...
‘‘बड़ा आदमी वह होता है जिसके सम्पर्क में आनेवाले का अपना देवत्व जाग उठता है। रवीन्द्रनाथ ऐसे ही महान पुरुष थे। ... वे उन महापुरुषों में थे जिनकी वाणी किसी विशेष देश या सम्प्रदाय के लिए नहीं होती, बल्कि...
गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर का व्यक्तित्व अंतरराष्ट्रीय था। बंगाल के कुछ बेहद सम्पन्न लोगों में उनका परिवार आता था। उनके बड़े भाई सत्येंद्र नाथ टैगोर, देश के प्रथम हिंदुस्तानी आईसीएस थे। वे 1864 बैच के आईसीएस थे। अपने माता-पिता...