पूर्व सांसद सालखन मुर्मू आदिवासी समुदाय में जागरूकता एवं शिक्षा का अभाव, अंधविश्वास ग्रस्त होना, राजनीतिक भागीदारी का अभाव, उनकी…
जयंती पर विशेष: रुढ़िवादी परंपराओं और दकियानूसी बेड़ियों को तोड़कर सावित्रीबाई ने रचा इतिहास
आज भारत की प्रथम महिला शिक्षिका राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले की 190 वीं जयंती हैं। 19वीं शताब्दी में उनके द्वारा किये…
सोलह महीने बाद भी 17वीं लोकसभा को उपाध्यक्ष नहीं मिल सका
सत्रहवीं लोकसभा का गठन हुए 16 महीने हो चुके हैं। यानी उसका एक चौथाई कार्यकाल बीत गया है। इस बीच…
भौतिकवाद से दूर आदिवासी साहित्य में जीवन सौंदर्य
प्रख्यात विद्वान और 22 भारतीय भाषाओं की लोक-कथाओं का संकलन और संपादन करने वाले एके रामानुजन ने लोक साहित्य को…
झारखंडः 26 बरस गुजार दिए विश्व आदिवासी दिवस की बधाइयों में, मूल निवासी नहीं जानते विरासत और परंपरा
विश्व आदिवासी दिवस मनाने की शुरुआत 1994 से यानी 26 वर्ष पहले शुरू हुई थी। इसके बावजूद झारखंड के रांची…
मेहनतकशों के शोषण-उत्पीड़न की वैदिक-सनातन परंपरा
ब्राह्मणोऽस्य मुखमासीद्वाहू राजन्य: कृत:। उरू तदस्य यद्वैश्य: पद्भयां शूद्रो अजायत॥ (पुरुष सूक्त ऋग्वेद संहिता के दसवें…
नास्तिक, गे, लेस्बियन और थर्ड जेंडर भी सीएए-एनआरसी के खिलाफ़ सड़कों पर
दिल्ली के सोमांश सैनी नास्तिक हैं और वो एनआरसी-सीएए के खिलाफ़ प्रोटेस्ट कर रहे हैं। सोमांश का कहना है कि…
शख्स जिसने अपने बेटों का नाम रावण और दुर्योधन रखा
सूरत। धर्म, धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं के पालन के मामले में गुजरात दूसरे सूबों के मुकाबले मीलों आगे खड़ा रहता…