Friday, June 9, 2023

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बेरोजगारी और गरीबी रही कर्नाटक चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा

भारत में चुनाव परिणामों के विश्लेषण में धर्म-जाति का समीकरण इस कदर हावी हो जाता है कि लगने लगता है कि बेरोजगारी और गरीबी जैसे बुनियादी मुद्दों से वोटरों का कोई मतलब ही नहीं रह गया है। जबकि अक्सर...

मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने 21 महीनों में मतदाताओं से किया एक भी वायदा नहीं किया पूरा

मध्यप्रदेश के विधानसभा के चुनाव में प्रदेश के मतदाताओं ने कांग्रेस को बहुमत दिया था। कांग्रेस की सरकार 17 दिसंबर, 2018 से 20 मार्च, 2020 तक 15 माह चली। भाजपा द्वारा की गई खरीद-फरोख्त और कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी...

ब्राह्मण, दलित और मुस्लिम समीकरण के बल पर सत्ता तक पहुंचने की बीएसपी की कोशिश

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में भले ही कुछ महीने शेष हों लेकिन चुनावी गतिविधियां पूरे जोर शोर से शुरू हो चुकी हैं। हर दल अपने लिये खास वर्ग समुदाय के मतदाता को साधने के साथ ही नये समीकरणों...

पश्चिम बंंगालः ‘मतुआ’ पूछ रहे हैं- क्यों बजाया था सीएए का झुनझुना!

मतुआ समुदाय के लोग केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सवाल कर रहे हैं कि अगर लागू नहीं करना था तो फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में सीएए का झुनझुना क्यों बजाया था। शाह पसोपेश में है। एक तरफ...

गुजरात उपचुनाव: मुस्लिमों ने कांग्रेस को नहीं, निर्दलीय को दिया वोट

अहमदाबाद। लाभ पाचम् के शुभ दिन दोपहर 12 बजकर 39 मिनट पर गुजरात उपचुनाव जीतकर आठ विधायकों में से सात ने विधानसभा अध्यक्ष की उपस्थिति में शपथ ली। करजन से विधायक अक्षय पटेल ने समय से न पहुंच पाने...

सड़क की लड़ाइयों में उतारनी होगी चुनावी सभाओं में दिखने वाली भीड़!

मुंबई में रहने वाली मित्र Alpana Upadhyay बिहार के चुनाव परिणामों और वहां पर उठे सवालों पर मेरी पोस्ट के जवाब में कहती हैं, “देश की जनता भूखी नहीं मूर्ख है, और बिहार चुनाव से यह साबित भी हो...

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अन्याय के एक हजार दिन, असहमति और आंदोलन से न्याय की उम्मीद!

नई दिल्ली। अन्याय के हजार दिन बीत गए। लेकिन ये न्याय के संघर्ष के भी हजार दिन हैं। लोगों...