Saturday, April 20, 2024

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लोकतंत्र में शासक बदलते रहते हैं लोकतंत्र नहीं बदलता

परिवर्तन प्रकृति का अपरिवर्तनीय नियम है। संसार में बदलाव की प्रक्रिया जारी रहती है। इस बदलाव के अपने नियम हैं। हर बदलाव में मूल तत्व बना रहता है। बुनियाद नहीं बदलती है। जैसे, मनुष्य बदलता रहता है। मनुष्यता नहीं...

लोकतंत्र में मतदाताओं को भरोसा की तलाश है, तो चुनावी भरोसा हो सकता है फिजिटली फिट!

भरोसा बचाना और भरोसा के काबिल बने रहना जीवन सबसे बड़ी उपलब्धि होती है। बहुत कुछ खोकर भी बचा रहता है भरोसा। भरोसा कि सब कुछ नहीं भी तो, जीने के लिए कुछ-न-कुछ मिल सकता है। उम्मीद पर लोग...

राष्ट्रीय मतदाता दिवस: लोकतंत्र को भाता, जागरूक मतदाता

25 जनवरी यानी राष्ट्रीय मतदाता दिवस को भारत के मतदाताओं को लोकतंत्र में विश्वास रखते हुए यह प्रण अवश्य  करना चाहिए कि वे देश में स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने और लोकतंत्र तथा लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाने के...

2019 के लोकसभा चुनाव में ईवीएम, वीवीपैट के मिलान का ब्यौरा आज तक नहीं दिया गया

लोकसभा चुनाव के चार साल बाद भी चुनाव आयोग ने अभी तक ईवीएम, वीवीपैट की गिनती में किसी भी विसंगति का ब्योरा नहीं दिया है। संसदीय पैनल ने कानून मंत्रालय को पोल पैनल से तुरंत जानकारी लेने को कहा...

बेरोजगारी और गरीबी रही कर्नाटक चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा

भारत में चुनाव परिणामों के विश्लेषण में धर्म-जाति का समीकरण इस कदर हावी हो जाता है कि लगने लगता है कि बेरोजगारी और गरीबी जैसे बुनियादी मुद्दों से वोटरों का कोई मतलब ही नहीं रह गया है। जबकि अक्सर...

मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने 21 महीनों में मतदाताओं से किया एक भी वायदा नहीं किया पूरा

मध्यप्रदेश के विधानसभा के चुनाव में प्रदेश के मतदाताओं ने कांग्रेस को बहुमत दिया था। कांग्रेस की सरकार 17 दिसंबर, 2018 से 20 मार्च, 2020 तक 15 माह चली। भाजपा द्वारा की गई खरीद-फरोख्त और कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी...

ब्राह्मण, दलित और मुस्लिम समीकरण के बल पर सत्ता तक पहुंचने की बीएसपी की कोशिश

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में भले ही कुछ महीने शेष हों लेकिन चुनावी गतिविधियां पूरे जोर शोर से शुरू हो चुकी हैं। हर दल अपने लिये खास वर्ग समुदाय के मतदाता को साधने के साथ ही नये समीकरणों...

पश्चिम बंंगालः ‘मतुआ’ पूछ रहे हैं- क्यों बजाया था सीएए का झुनझुना!

मतुआ समुदाय के लोग केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सवाल कर रहे हैं कि अगर लागू नहीं करना था तो फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में सीएए का झुनझुना क्यों बजाया था। शाह पसोपेश में है। एक तरफ...

गुजरात उपचुनाव: मुस्लिमों ने कांग्रेस को नहीं, निर्दलीय को दिया वोट

अहमदाबाद। लाभ पाचम् के शुभ दिन दोपहर 12 बजकर 39 मिनट पर गुजरात उपचुनाव जीतकर आठ विधायकों में से सात ने विधानसभा अध्यक्ष की उपस्थिति में शपथ ली। करजन से विधायक अक्षय पटेल ने समय से न पहुंच पाने...

सड़क की लड़ाइयों में उतारनी होगी चुनावी सभाओं में दिखने वाली भीड़!

मुंबई में रहने वाली मित्र Alpana Upadhyay बिहार के चुनाव परिणामों और वहां पर उठे सवालों पर मेरी पोस्ट के जवाब में कहती हैं, “देश की जनता भूखी नहीं मूर्ख है, और बिहार चुनाव से यह साबित भी हो...

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अपरेंटिसशिप गारंटी योजना भारतीय युवाओं के लिए वाकई गेम-चेंजर साबित होने जा रही है

भारत में पिछले चार दशकों से उठाए जा रहे मुद्दों में बेरोजगारी 2024 में प्रमुख समस्या के रूप में सबकी नजरों में है। विपक्षी दल कांग्रेस युवाओं के रोजगार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं भाजपा के संकल्प पत्र में ठोस नीतिगत घोषणाएँ नहीं हैं। कांग्रेस हर शिक्षित बेरोजगार युवा को एक वर्ष की अपरेंटिसशिप और 1 लाख रूपये प्रदान करने का प्रस्ताव रख रही है।