ट्रैक्टर परेड पर रोक की दिल्ली पुलिस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई

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साल 2018-20 में एनआरसी सीएए विरोधी आंदोलन के दौरान खूंखार विलेन का किरदार निभा चुकी दिल्ली पुलिस ने किसान आंदोलन की शुरुआत में एक ट्रेलर दिखाया था जब उसने दिल्ली की सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे किसानों पर ताबड़तोड़ आंसू गैस और वॉटर कैनन से हमले किये थे।

दिल्ली की प्रायोजित हिंसा में दिल्ली पुलिस द्वारा पीड़ित के खिलाफ़ ही मुकदमा दर्ज कर लेने और पीड़ित को ही गुनाहगार बना देने और असली आरोपियों को खुला छोड़ देने की झलक देश देख चुका है। 

अब फिर इस किसान आंदोलन में दिल्ली पुलिस ने दूसरी तरह से अपनी मौजूदगी दर्ज़ कराई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीनस्थ कार्य करने वाले दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कोर्ट को सरकार की भाषा बताया है कि गणतंत्र दिवस परेड राष्ट्रीय गौरव से जुड़ा कार्यक्रम है। आंदोलन के नाम पर देश की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी की इजाज़त नहीं दी जा सकती। दिल्ली पुलिस की मांग है कि सुप्रीम कोर्ट ट्रैक्टर रैली या गणतंत्र दिवस कार्यक्रम को किसी भी तरह से बाधित करने पर रोक लगाए। बता दें कि इससे पहले केंद्र सरकार के वकील की ओर से भी सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया गया था कि कोर्ट 26 जनवरी को संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से प्रस्तावित ट्रैक्टर मार्च पर रोक लगाये। इसके अलावा केंद्र सरकार की ओर से किसानों के 26 जनवरी को प्रस्तावित ट्रैक्टर मार्च के बाबत कई भ्रामक और झूठी बातें बताई गई थीं। जिस पर प्रेस कान्फ्रेंस करके संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से सफाई दी गई थी। बावजूद इसके सरकार समर्थित गोदी मीडिया द्वारा और केंद्र सरकार द्वारा लगातार किसानों के ट्रैक्टर परेड के बाबत भ्रम फैलाया जा रहा है।

इससे पहले पिछले हफ्ते सुनवाई के दौरान कृषि क़ानून समर्थक केंद्र सरकार के चार लोगों की कमेटी बनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन में संदिग्ध संगठनों की सक्रियता का भी संज्ञान लिया था। दरअसल सरकार की ओर से एक अर्जी में कोर्ट को बताया गया था कि आंदोलन में कनाडा के संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ के बैनर लहरा रहे हैं और इस बात की आशंका है कि अलग खालिस्तान का समर्थक ये संगठन आंदोलन के लिए फंड उपलब्ध करवा रहा हो।

बता दें कि सुनवाई से पहले ही किसान नेताओं ने ट्रैक्टर मार्च का पूरा प्लान जारी कर दिया है। वहीं आज सुप्रीम कोर्ट दिल्ली पुलिस की उस अर्जी पर सुनवाई करेगा जिसमें दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च पर रोक लगाने को कहा है। ये सुनवाई सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर शुरू होगी। इसके अलावा कोर्ट की बनाई कमेटी पर भी किसान संगठनों का एजराज है, कमेटी के एक सदस्य भूपिंदर सिंह मान के इस्तीफे के बाद ऐसे में कोर्ट में ये मसला भी उठ सकता है।

वहीं दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी परेड और किसान आंदोलन को देखते हुए दिल्ली में ज्यादातर खालिस्तानी आतंकी संगठनों से संबंध रखने वाले आतंकियों के पोस्टर लगवाये हैं। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को डर दिखाया है कि खालिस्तानी आतंकी कहीं भोले भाले किसानों की आड़ में आतंकी वारदात को अंजाम ना दे दें।

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