सरकार ने कहा- एक क़दम पीछे हटे हैं फिर आगे बढ़ेंगे, किसानों ने कहा- दिल्ली का रास्ता भूले नहीं हैं

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“हम एक कदम पीछे हटे हैं लेकिन आगे फिर बढ़ेंगे।” केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के उक्त बयान से नरेंद्र मोदी सरकार की मंशा जाहिर हो गई है और ख्याल लगाए जा रहे हैं कि चुनाव बाद सरकार फिर से कृषि क़ानून लेकर आ सकती है। 

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर तथा केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी कृषि उद्योग प्रदर्शनी ‘एग्रोविजन’ का उद्घाटन करने पहुंते थे। कृषि मंत्री तोमर ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि-  “किसान देश की रीढ़ हैं, अगर रीढ़ मजबूत होगी तो निश्चित रूप से देश मजबूत होगा।” 

 कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कृषि मंत्री ने आगे कहा कि-” कृषि सुधार कानून आज़ादी के सत्तर सालों के बाद बड़ा सुधार था जो पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा था। लेकिन इन कानूनों के निरस्त होने के बाद भी सरकार निराश नहीं है। तोमर ने कहा,” हम एक कदम पीछे हटे हैं लेकिन आगे फिर बढ़ेंगे।”

कृषि मंत्री ने कहा कि-” कृषि क्षेत्र में बड़े निवेश की ज़रूरत है। निजी निवेश अन्य क्षेत्रों में आया जिससे रोज़गार के अवसर पैदा हुए और सकल घरेलू उत्पाद में इन उद्योगों का योगदान बढ़ा”। उन्होंने दावा किया कि इस क्षेत्र में मौजूदा निवेश से व्यापारियों को फायदा होता है न कि किसानों को।

वहीं तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने के मुद्दे पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि सुधार कानून को भारत सरकार किसानों की भलाई के लिए लाई थी। उन्होंने कहा था कि सरकार ने पूरी संवेदनशीलता के साथ आंदोलनरत किसान संगठनों से इन कानूनों को लेकर चर्चा की थी लेकिन हमें इस बात का दुख है कि कृषि सुधार कानून के लाभ समझाने में हम सफल नहीं हुए।

गौरतलब है कि 19 नवंबर को गुरु नानक जयंती पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान किया था। साथ ही उन्होंने कहा था कि उनको इस बात का अफ़सोस है कि वे कुछ किसानों को इस क़ानून के फायदे नहीं समझा सके। 

वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने कृषि मंत्री के बयान की निंदा करते हुये कहा है कि – “कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर का ये बयान घमंड से भरा हुआ है। पर अगर भाजपा सरकार को लगता है कि सरकार एक कदम पीछे लेकर आगे लंबी छलांग लगाएगी तो वह कोरा वहम है। किसान व किसान संगठन MSP समेत सभी मुद्दों पर एकजुट हैं और इस सरकार का घमंड तोड़ने के लिए हर समय तैयार हैं।”

भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के मीडिया इंचार्ज सौरभ उपाध्याय ने कहा है कि -” केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का यह बयान कि कृषि कानूनों को वापस लाएंगे इस तरह का बयान तानाशाही से भरा हुआ है। केन्द्र सरकार अगर काले कानूनों को वापस लाएगी तो  देश का किसान भी दिल्ली वापस आएगा।” 

(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)

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