नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस (TMC) के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को चुनाव आयोग के कार्यालय जाकर चुनाव आयुक्त से सीबीआई, एनआईए, ईडी और आयकर विभाग के प्रमुखों को बदलने की मांग कीष टीएमसी ने यह मांग लोकसभा चुनाव में समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए की है। चुनाव आयुक्त से मिलने के बाद टीएमसी के दसों नेताओं ने चुनाव आयोग कार्यालय के बाहर धरना दिया। टीएमसी नेताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया, और बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांग को प्रमुखता से उठाने के लिए चुनाव आयोग (ईसी) की पूर्ण पीठ से मुलाकात के बाद धरने की घोषणा की थी। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता यहां चुनाव आयोग के कार्यालय के बाहर 24 घंटे के धरने पर बैठे और मांग की कि सीबीआई, एनआईए, ईडी और आयकर विभाग के प्रमुखों को बदला जाए।
दिल्ली पुलिस ने टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन, मोहम्मद नदीमुल हक, डोला सेन, साकेत गोखले और सागरिका घोष, विधायक विवेक गुप्ता, पूर्व सांसद अर्पिता घोष, शांतनु सेन और अबीर रंजन विश्वास और पार्टी की छात्र शाखा पश्चिम बंगाल के उपाध्यक्ष सुदीप राहा को हिरासत में लिया गया। पार्टी आरोप लगाती रही है कि केंद्रीय जांच एजेंसियां भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र के इशारे पर विपक्षी दलों को निशाना बना रही हैं।
नई दिल्ली रवाना होने से पहले डोला सेन ने कोलकाता हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, “भाजपा हमारे खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। जिस तरह से एनआईए, ईडी और सीबीआई काम कर रही है और टीएमसी नेताओं को निशाना बना रही है, वह शर्मनाक है। हम चुनाव आयोग से सभी राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने का अनुरोध करेंगे।”
टीएमसी ने रविवार को चुनाव से पहले एनआईए और भाजपा के बीच “अपवित्र गठबंधन” का आरोप लगाया, जिसके बाद केंद्रीय जांच एजेंसी ने किसी भी गलत इरादे से इनकार किया और पूरे विवाद को “दुर्भाग्यपूर्ण” करार दिया।
पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले में 2022 के विस्फोट मामले में दो मुख्य संदिग्धों को गिरफ्तार करने गई एनआईए की एक टीम पर शनिवार को कथित तौर पर भीड़ द्वारा हमला किया गया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जांचकर्ताओं पर ग्रामीणों पर हमला करने का आरोप लगाया था।
(जनचौक की रिपोर्ट)
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