नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर कश्मीर पर मध्यस्थता की बात दोहराई है। उन्होंने कहा है कि भारत और पाकिस्तान दोनों कश्मीर मुद्दे पर मतभेद को सुलझाने के लिए कोई सहायता चाहते हैं तो वह ऐसा करने में प्रसन्नता महसूस करेंगे। ट्रंप ने यह बात उस समय कही है जब भारत के विदेशमंत्री एस जयशंकर अमेरिकी दौरे पर हैं। इसके पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के अमेरिकी दौरे के समय ट्रंप ने कश्मीर पर मध्यस्थता की पेशकश की थी। जिसके बाद भारतीय राजनीति में बवाल खड़ा हो गया था। और सरकार को तुरंत उसकी सफाई देनी पड़ी थी।
ट्रंप ने बृहस्पतिवार को रिपोर्टरों से बात करते हुए कहा कि “पाकिस्तान के प्रधानमंत्री खान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेहतरीन लोग हैं। मुझे लगता है कि दोनों एक साथ आ सकते हैं। अगर वो मेरा सहयोग चाहते हैं तो निश्चित तौर पर मैं हस्तक्षेप करूंगा।”
इस टिप्पणी के कुछ घंटों बाद ही अमेरिका की यात्रा पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर की वहां के विदेश मंत्री से मुलाकात हुई। माइक पाम्पियो से हुई बातचीत को अपने ट्वीट के जरिये उन्होंने बताया कि “इस सुबह अपने समकक्ष अमेरिकी विदेशमंत्री माइक पाम्पियो को बिल्कुल साफ शब्दों में बता दिया कि किसी भी तरह की बातचीत, अगर उसकी जरूरत पड़ती है, केवल और केवल पाकिस्तान के साथ होगी और वह भी केवल द्वीपक्षीय।”
गौरतलब है कि 23 जुलाई को पाक प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ मुलाकात के दौरान ट्रंप ने कश्मीर मसले पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता का प्रस्ताव दिया था। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया था कि पीएम मोदी ने उनसे दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए इसका प्रस्ताव दिया था। ट्रंप का कहना था कि वह मध्यस्थ बनना पसंद करेंगे।
ट्रंप के इस बयान के बाद ही भारतीय राजनीति में भूचाल आ गया था। सरकार ने तुरंत प्रतिक्रिया देकर उसका खंडन किया। विदेश मंत्रालय ने कहा था कि पीएम मोदी ने इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं दिया है।
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