आज संयुक्त किसान मोर्चा का एक केंद्रीय प्रतिनिधि मंडल और उत्तर प्रदेश संयुक्त किसान मोर्चा की कोर कमेटी के सदस्यों ने लखीमपुर आकर सभी शहीद परिवारों के सदस्यों और प्रदेश सरकार द्वारा झूठे आरोप में फंसाए गए चार किसान योद्धाओं से मुलाकात की और चल रहे कानूनी कार्रवाई का अवलोकन किया।
एसकेएम की टीम ने सबसे पहले उपस्थित सभी सदस्यों को चुनाव में भाजपा का विरोध करो, बेनकाब करो और सज़ा दो के अभियान को सफलतापूर्वक लखीमपुर खीरी में अमल करने के लिए बधाई दी और इस बात पर खुशी व्यक्त की कि किसान आंदोलन से उत्साहित होकर लखीमपुर की जनता ने देश के किसानों के हत्यारे, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र को चुनाव में पराजित किया। टीम ने बताया कि इस हार को सुनिश्चित करने में लखीमपुर के साथियों के प्रचार की बड़ी भूमिका रही है और पूरे देश में इससे किसानों में उत्साह बढ़ा है।
संयुक्त किसान मोर्चे की टीम ने घोषणा की कि अपनी अगली जनसभा में फैसला लेकर वह अजय मिश्र टेनी और बेटे आशीष मिश्र को सज़ा सुनिश्चित करने के लिए आंदोलन को और तेज करेगा।

बातचीत में जानकारी हुई कि सरकार ने शहीद किसान परिवारों के घरों पर दी गई सुरक्षा को वापस ले लिया है। मोर्चे ने मांग की है कि परिवारों के घरों पर सुरक्षा को तुरंत बहाल किया जाए।
प्रेस वार्ता संबोधित करते हुए एसकेएम के नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार ने मोर्चे की जो मांगे हल करना स्वीकार किया था, वह अभी भी लंबित हैं। नेताओं ने मांग की कि नई सरकार को सभी फसलों का एमएसपी स्वामीनाथन फॉर्मूले के हिसाब से देने की गारंटी और फसलों की सरकारी खरीद तथा किसानों के कर्ज माफ करना स्वीकार करना चाहिए। साथ में खेती में मुफ्त बिजली देना और 300 यूनिट मुफ्त घरेलू बिजली देने की मांगे स्वीकार करनी चाहिए।
उन्होंने जोर देकर मांग की कि लखीमपुर के किसानों पर दर्ज हत्या का फर्जी केस सरकार को वापस लेना चाहिए और अजय मिश्र टेनी पर किसानों की हत्या का अभियोग चला कर उन्हें जेल भेजना चाहिए।
प्रतिनिधि मंडल में भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत, कीर्ति किसान यूनियन पंजाब के रमिंदर पटियाला, तराई किसान संगठन के तेजेंद्र विर्क, अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के डॉक्टर आशीष मित्तल, अखिल भारतीय किसान सभा के मुकुट सिंह, अखिल भारतीय किसान महासभा के ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा, एनएपीएम की ऋचा सिंह, अखिल भारतीय किसान खेत मजदूर सभा के विजयपाल सिंह, बीकेयू श्रम शक्ति के कमलेश यादव आदि नेता शामिल थे।
(संयुक्त किसान मोर्चा, उत्तर प्रदेश की प्रेस विज्ञप्ति)
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