वरवर राव।

जेल में बंद कवि और लेखक वरवर राव गंभीर रूप से बीमार

नई दिल्ली। कवि और लेखक वरवर राव जेल में गंभीर रूप से बीमार हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने फोन पर आज पत्नी हेमलता और बेटी पवना से बात की है और उनके साथ बातचीत में अपने मृत माता-पिता का बार-बार जिक्र कर रहे थे। उनके साथ जो शख्स जेल में था उसने उनकी पत्नी को बताया कि उनकी स्थिति बेहद खराब है। उनको जेल में रहते तकरीबन दो साल हो गए हैं। उनके परिवार ने आरोप लगाया है कि जेल प्रशासन उनके स्वास्थ्य से जुड़ी सूचनाओं को उन तक नहीं पहुंचने दे रहा है।

राव की हालत बताया जा रहा है कि 28 मई से ही गिरनी शुरू हो गयी थी। जेल में फिर से वापस लाए जाने से पहले उन्हें जेजे अस्पताल में बेहोशी की हालत में भर्ती कराया गया था। उनकी बेटी पवना ने द वायर को बताया कि राव की जेल में पर्याप्त देखभाल नहीं हो पा रही है और लगातार उनके स्वास्थ्य में गिरावट दर्ज की जा रही है। पवना ने कहा कि “हमारे पास आज उनका फोन आया और वह मुश्किल से एक मिनट बात कर सके। उनकी आवाज लड़खड़ा रही थी। उनका एक सह आरोपी जिसे उनकी देखभाल की जिम्मेदारी दी गयी है वह आगे आया और उसने बताया कि बेहतर इलाज के लिए उन्हें तत्काल अस्पताल में शिफ्ट किए जाने की जरूरत है।”

यहां तक कि वह पैदल भी नहीं चल पाते हैं और अपना ब्रुश तक करने में उनको परेशानी होती है। लिहाजा उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती किए जाने की जरूरत है। लेकिन अभी तक इस दिशा में न तो जेल प्रशासन और न ही सरकार की तरफ से कोई पहल हुई है।

वरवर राव को भीमा-कोरेगांव मामले में गिरफ्तार किया गया था। वह इस समय 78 साल से ऊपर हैं। 

इसके पहले मई में जब उनकी तबियत खराब हुई थी तो परिवार के सदस्य उनकी जमानत के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाए थे। परिवार के सदस्यों का कहना है कि उनकी जमानत का विरोध करने के मकसद से एनआईए ने उनको अस्पताल से फिर जेल में शिफ्ट करवा दिया था। और इस तरह से उनका इलाज एकाएक रोक दिया गया था।

पवना ने बताया कि “यहां हम लोगों ने उनकी रिपोर्ट के साथ विशेषज्ञों से संपर्क किया था जिसमें हमने पाया कि उनका सोडियम और क्रिटनीन का स्तर सामान्य से भी नीचे है। लिहाजा उनके स्वास्थ्य की स्थिति की उचित जांच होनी जरूरी है। ” उनके परिवार ने बताया कि राव को उम्र से संबंधित भी समस्याएं हैं।

राव जून 2018 से ही जेल में हैं। उनका इस साल के शुरुआत में पुणे के यरवदा जेल से मुंबई स्थित तलोजा सेंट्रल जेल में ट्रांसफर कर दिया गया था। यह देश में कोविड शुरू होने से ठीक पहले हुआ था। उसके बाद से लगातार मुंबई की स्थिति बिगड़ती गयी।

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