नई दिल्ली। कवि, लेखक और एक्टिविस्ट वरवर राव के स्वास्थ्य को लेकर आज उनके परिजनों ने एक संवाददाता सम्मेलन किया। जिसमें उन्होंने वरवर राव को तत्काल किसी मल्टी स्पेशियलटी अस्पताल में भर्ती कराने की मांग की। उनका कहना था कि वरवर राव के स्वास्थ्य में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है और उन्हें तत्काल किसी बड़े अस्पताल भर्ती कराए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वह इस समय न तो उनकी रिहाई की मांग कर रहे है और न ही जमानत की। बल्कि उन्हें तत्काल इलाज मुहैया कराया जाए यही एकमात्र मांग है। जूम के जरिये हैदराबाद से आयोजित किए गए इस संवाददाता सम्मेलन को उनकी पत्नी हेमलता, बेटी पवना और साले एन वेणुगोपाल ने संबोधित किया। इस मौके पर उनकी बाकी तीन और बेटियां भी मौजूद थीं।
सबसे पहले एन वेणुगोपाल ने वरवर राव से जुड़ी पूरी पृष्ठभूमि रखी। उन्होंने बताया कि जून, 2018 में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। तब से तकरीबन 22 महीने हो गया है जब से वह जेल में हैं। उनकी जमानत के लिए पांच बार आवेदन दिया जा चुका है। इसमें उनके स्वास्थ्य को आधार पर बनाया गया था। लेकिन उन्हें कोर्ट से कोई रिलीफ नहीं मिली। उन्होंने कहा कि उनकी रिलीज के लिए यह फिट केस है। क्योंकि पूरा केस ही फर्जी है। उनके लिए अंडरट्रायल अब एक सजा बन गयी है।
वेणुगोपाल के मुताबिक 29 मई को पता चला कि उन्हें जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ऐसा उनके जेल में बेहोश होने के बाद किया गया। मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक सोडियम और पोटैशियम में जबर्दस्त गिरावट दर्ज की गयी थी। उन्हें तीन दिनों तक अस्पताल में रखा गया। वेणुगोपाल का कहना था कि शरीर में सोडियम की मात्रा न्यूनतम 135 होनी चाहिए। लेकिन अस्पताल से डिस्चार्ज के समय यह 133 थी। बावजूद इसके उनको डिस्चार्ज कर दिया गया। 1 जून को उन्हें अस्पताल से जेल ले जाया गया।

उन्होंने बताया कि इस बीच चार कॉल आए थे। 11 जुलाई को सबसे चिंताजनक काल आया। यह जेल अथारिटी द्वारा सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन्स पर किया जाता रहा है। 2 जुलाई को भी वह ठीक से नहीं बोल पा रहे थे। वेणुगोपाल के मुताबिक उनकी पत्नी हेमलता कुछ पूछ रही थीं वह कुछ जवाब दे रहे थे। जब हेमलता ने पूछा कि वो कैसे हैं तो वह सवाल ही नहीं समझ पाए। सोडियम और पोटैशियम बैलेंस के बिगड़ जाने के चलते ऐसा हुआ। उन्होंने कहा कि पूरा परिवार बेहद चिंतित है। हम केंद्र सरकार से उनको सुपर स्पेशियलटी अस्पताल में भर्ती कराने की मांग करते हैं। उनका ब्रेन डैमेज हो जाए या फिर उनके साथ कोई अनहोनी हो जाए। उससे पहले सरकार को तत्काल इस दिशा में पहल करनी होगी।
वेणुगोपाल के मुताबिक उनके साथी ने बताया कि वह शौचालय नहीं जा सकते। ब्रश नहीं कर सकते। उन्हें हमेशा सहायता की जरूरत पड़ रही है। तथाकथित अस्पताल में जहां उन्हें भर्ती कराया गया है वह लगातार कुछ न कुछ बड़बड़ाते रहते हैं। यह बेहद चिंता का विषय है। उनका मस्तिष्क लगातार डैमेज हो रहा है। उन्हें तत्काल बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की जरूरत है। साथ ही उनके परिवार को उनके साथ उनकी सेवा की इजाजत दी जाए। उन्होंने कहा कि इस समय यही एक मात्र परिवार की मांग है।
उन्होंने इस सिलसिले में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्य के गवर्नर और तेलंगाना के गवर्नर से अपील की। उन्होंने बताया कि वह महाराष्ट्र के गवर्नर को कई पत्र लिख चुके हैं लेकिन अभी तक उसका कोई संज्ञान नहीं लिया गया। लिहाजा इस मामले में सार्वजनिक दबाव बनाए जाने की जरूरत है। कृपया उन्हें अस्पताल में तत्काल भर्ती कराया जाए जिससे उन्हें बेहतर इलाज मिल सके।
प्रेस कांफ्रेंस में पत्नी हेमलता उनके बारे में बोलते हुए भावुक हो गयीं। पहले उन्होंने तेलुगु में अपनी बातचीत रखी फिर उनकी बेटी पवना ने उसका अंग्रेजी में अनुवाद किया।
हेमलता ने कहा कि उनका स्वास्थ्य बेहद खराब है। 26 मई से ही स्थिति खराब होनी शुरू हो गयी थी। उसके बाद अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद उन्हें 1 जुलाई को डिस्चार्ज कर दिया गया।
उन्होंने बताया कि इस बीच उनसे हुई बातचीत में उनकी आवाज बहुत साफ नहीं सुनायी देती थी। 7 जून और उसके बाद के कॉल में उनकी आवाज समझ में आ रही थी। लेकिन 2 जुलाई के बाद की काल से स्थिति खराब हो गयी। उनकी आवाज ठीक से समझ में नहीं आ रही थी। वह पुरानी तमाम यादों को बार-बार दोहरा रहे थे। वह खुद अध्यापक रहे हैं और लगातार भाषण देते रहे हैं लेकिन वह एक साथ पूरा वाक्य नहीं बोल पा रहे थे। और बार-बार शब्दों को दोहरा रहे थे। वह बिल्कुल बच्चों की तरह बोल रहे थे। प्रशासन को लगातार यह बताने के बाद कि उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए अस्पताल प्रशासन उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रहा है।

उन्होंने कहा कि हम इस समय जमानत की मांग नहीं कर रहे हैं। लेकिन उनकी तत्काल इलाज की जरूरत है। हम न केवल केंद्र सरकार से बल्कि महाराष्ट्र और तेलंगाना की सरकारों से भी उनके इलाज की गुजारिश करते हैं। हेमलता के मुताबिक उनके सहयोगी ने बताया कि वहां उनका कोई इलाज नहीं हो रहा है। और उन्हें गैर जरूरी खाना मुहैया कराया जा रहा है। इसलिए उन्हें तत्काल किसी बेहतर अस्पताल में भर्ती कराए जाने की जरूरत है। वह इस बात को बेहद साफ तरीके से कह रहे थे। वर्नन गोंजाल्विस ने यह बात वरवर राव की पत्नी हेमलता से कही।
बेटी पवना ने कहा कि इस मामले में महाराष्ट्र सरकार से विशेष अपील है कि वह इस दिशा में तत्काल पहल करे। तेलंगाना सरकार से गुजारिश है कि वह न केवल पहल करे बल्कि संबंधित सरकारों और अथारिटी पर दबाव बनाए। तेलंगाना सरकार को नहीं भूलना चाहिए कि वरवर राव तेलंगाना गठन के हर आंदोलन में शामिल रहे हैं। वह शुरू से लेकर अंत तक इसमें शारीरिक रूप से मौजूद रहे हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि अब तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव उनकी पत्नी हेमलता के पत्रों का जवाब देना भी जरूरी नहीं समझ रहे हैं। जबकि हेमलता ने उन्हें कई पत्र लिखा है।
यह बात तेलंगाना के मीडिया और लोगों को जरूर जानना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं यह अपील केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किशन रेड्डी से भी करना चाहूंगी कि वह वरवर राव के स्वास्थ्य के मामले में तत्काल दखल दें औऱ उन्हें उचित स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें इसकी गारंटी करें। एक परिवार के तौर पर हम महसूस करते हैं कि यह मांग करना हमारा अधिकार है। इसके साथ ही देश के तमाम बुद्धिजीवियों से भी अपील है कि वह वरवर राव के इलाज के लिए तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया जाने को लेकर संबंधित सरकारों पर दबाव बनाएं।
इलाज के मसले पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाये जाने के जनचौक के सवाल पर उनकी बेटी पवना ने बताया कि सेशन कोर्ट में इसकी अपील की गयी थी लेकिन वह खारिज हो गयी। और अब हाईकोर्ट में अर्जी डाली गयी है। लेकिन अभी तक उस पर कोई फैसला नहीं हो पाया है। आपको बता दें कि वरवर राव की उम्र इस समय 80 के पार हो गयी है।