शिवसेना के बागी नेता और विधायक, एकनाथ शिंदे ने, 26/06/22 की शाम 6.30 पर, एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की। रविवार होने के बावजूद, 26/06/22 को ही, शाम 7.30 बजे, रजिस्ट्री ने याचिका लिस्ट कर, अगले ही दिन, सोमवार यानी, 27/06/22 की तिथि सुनवाई के लिए तय भी कर दी। सामान्यतः एक याचिका जब दायर होती है तो, रजिस्ट्री उसका डिफेक्ट ढूंढती है और डिफेक्ट ठीक होने पर, लिस्टिंग के लिए रखी जाती है। सामान्य स्थिति में, कोर्ट से आवश्यक मामलों की सुनवाई के लिए अदालत से अनुरोध किया जाता है, जिसे मेंशनिंग कहते हैं। क्या शिंदे की याचिका में यह सब हुआ है? आजकल सामान्य अदालती कामकाज नहीं चल रहा है, बल्कि वेकेशन बेंच है जो अत्यावश्यक मामलों की सुनवाई और लिस्टिंग की जाती है।
वेकेशन बेंच, किन मामलों में तुरंत सुनवाई करेगी, इसका भी एक सर्कुलर सुप्रीम कोर्ट ने ही जारी कर रखा है। उस सर्कुलर में उन प्रकरणों का उल्लेख भी है जिन्हें बेंच अत्यावश्यक सुनवाई के लिए तैयार होगी। सर्कुलर इस प्रकार है।
भारत का सर्वोच्च न्यायालय
फा.नं.4/न्यायिक./2022, नई दिल्ली, 13 मई, 2022
परिपत्र
इसके द्वारा सभी संबंधितों की जानकारी के लिए अधिसूचित किया जाता है कि, आगामी अवकाश के दौरान
निम्नलिखित अत्यावश्यक मामलों को सूचीबद्ध करने के लिए मानदंड/दिशानिर्देश निर्धारित किए गए हैं। 23.05.2022 से 10.07.2022 तक, अवकाश न्यायालय के समक्ष पेश किए जाने वाले प्रत्येक मामले के साथ एक हलफनामा भी होना चाहिए, जिसमें, क्यों लिस्टिंग की जाय इसकी आवश्यक सभी भौतिक तथ्यों के साथ, दर्शाया गया हो। जैसे,
i) मामले की प्रकृति;
ii) अक्षेपित आदेश की तिथि, यदि कोई हो;
iii) यदि अक्षेपित आदेश दिया गया था या कार्रवाई का कारण पहले की तारीख में उत्पन्न हुआ था, तो छुट्टी से पहले इसे दाखिल नहीं करने का कारण;
iv) उसमें दर्शाई गई तात्कालिकता को देखते हुए नवीनतम तिथि जिस तिथि तक मामले की सुनवाई की जा सकती है; तथा
v) मांगे गए अंतरिम आदेश की प्रकृति, जिसके लिए तात्कालिकता का संकेत दिया गया है, का उल्लेख किया जाना चाहिए।
माननीय अवकाश न्यायाधीशों के समक्ष सूचीबद्ध करने के लिए किसी भी मामले पर तब तक विचार नहीं किया जाएगा जब तक कि अन्य बातों के साथ-साथ, ऐसा शपथ पत्र जो माननीय अवकाश न्यायाधीशों द्वारा सुनवाई की तात्कालिकता को इंगित करने के लिए पर्याप्त न हो।
2.
निम्नलिखित मामलों को अवकाश के दौरान सूचीबद्ध करने के लिए अत्यावश्यक प्रकृति के मामलों के रूप में माना जाएगा:
1. मामले जिनमें मृत्युदंड दिया गया है;
2. बंदी प्रत्यक्षीकरण के लिए याचिका और उससे संबंधित मामले;
3. संपत्ति के विध्वंस की आसन्न आशंका से संबंधित मामले;
4. दखली/बेदखली से संबंधित मामले।
5. अग्रिम जमानत के मामले और आदेश के खिलाफ दायर मामले-अस्वीकार करना/जमानत देना;
3.
निम्नलिखित मामलों को अवकाश के दौरान सूचीबद्ध करने के लिए तत्काल प्रकृति के मामलों के रूप में नहीं माना जाएगा:
1. अंतर्वर्ती आदेशों से उत्पन्न मामले;
2. रिमांड आदेशों से संबंधित मामले;
3. निर्दिष्ट विधियों के तहत कर, जुर्माना आदि के पूर्व जमा से संबंधित मामले;
4. आजीवन कारावास या एक वर्ष से अधिक की सजा से उत्पन्न मामले;
5. सेवा मामलों में स्थानांतरण और/या प्रत्यावर्तन, बर्खास्तगी और सेवा से निष्कासन शामिल है;
6. परिवहन मामले, परमिट रद्द करने और तत्काल अंतरिम आदेशों की आवश्यकता से संबंधित मामलों को छोड़कर;
7. फरमान और उनके निष्पादन से संबंधित मामले।
4.
इसके द्वारा सभी संबंधितों की जानकारी के लिए आगे अधिसूचित किया जाता है कि अवकाश पीठों के समक्ष मामलों को सूचीबद्ध करने के अनुरोध पर सायं 4.00 बजे से पहले विचार नहीं किया जाएगा। गुरुवार 19 मई, 2022 को और उसके बाद दोपहर 1.00 बजे तक प्राप्त अनुरोध, शनिवार 21 मई, 2022 को सोमवार 23 मई, 2022 को सूचीबद्ध करने के लिए विचार किया जाएगा और सोमवार 23 मई, 2022 से सायं 4.00 बजे तक सभी आवश्यक मामलों को दर्ज किया जाएगा। गुरुवार 26 मई, 2022 को शुक्रवार 27 मई, 2022 को सूचीबद्ध किया जाएगा और इसी तरह।
एसडी / (बीएलएन आचार्य) रजिस्ट्रार (जे-द्वितीय) 13.05.2022
एसडी/(चिराग भानु सिंह) रजिस्ट्रार (जे-आई)
13.05.2022
प्रति: 1. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन परिपत्र की पांच अतिरिक्त प्रतियों के साथ इस अनुरोध के साथ कि बार के सदस्यों को जानकारी के लिए बार एसोसिएशन के नोटिस बोर्ड पर परिपत्र प्रदर्शित किया जा सकता है।
2. सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन सर्कुलर की पांच अतिरिक्त प्रतियों के साथ इस अनुरोध के साथ कि एसोसिएशन के सदस्यों को जानकारी के लिए सर्कुलर को एसोसिएशन के नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित किया जा सकता है।
3. सभी नोटिस बोर्ड।
4. सभी संबंधित।
(विजय शंकर सिंह रिटायर्ड आईपीएस अफसर हैं और आजकल कानपुर में रहते हैं।)
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