बर्बरता की हर सीमा पार कर गयी है योगी की पुलिस

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उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात के जिला अस्पताल के सामने धरना दे रहे स्वास्थ्य विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज का वीडियो वायरल हुआ है। सोशल मीडिया पर वॉयरल वीडियो योगी की पुलिस की बर्बर कार्यशैली को उजागर करता है। 

दरअसल, कानपुर देहात के जिला अस्पताल में अपनी कुछ मांगों को लेकर कल 9 दिसंबर को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी यूनियन के लोग धरने पर बैठे हुए थे और अपनी मांगों को लेकर लगातार स्वास्थ्य अधिकारियों से चर्चा कर रहे थे। स्वास्थ्य कर्मियों के मुताबिक़ आला अधिकारियों के द्वारा उनकी किसी भी मांग को माना नहीं जा रहा था। जिसको लेकर आज जिला अस्पताल परिसर के बाहर यह लोग अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे थे और उन्होंने अपने कार्य को पूर्ण रूप से बंद कर दिया था। इससे क़रीब 1 घंटे तक ओपीडी कार्य बाधित रहा और मरीजों को भी दिक्क़तों का सामना करना पड़ा। 

जिला अस्पताल के सामने धरना दे रहे 12 लोगों के ख़िलाफ़ स्वास्थ्य विभाग की सीएमएस वंदना सिंह ने जिले के जिलाधिकारी और पुलिस अधिकारी को सूचित कर इस पूरे मामले में सहायता मांगी थी। अकबरपुर कोतवाली में तहरीर भी दी थी और धरने को खत्म कराने के लिए पुलिस की सहायता भी मांगी। जब अकबरपुर कोतवाल की गाड़ी जिला अस्पताल परिसर में पहुंची तो वहां पर पुलिस की बर्बरता का खेल शुरू हो गया, पुलिस की लाठी से राह चलते राहगीर भी नहीं बचे। अकबरपुर कोतवाल विनोद कुमर मिश्रा ने कर्मियों को मारना शुरू कर दिया। दारोगा साहेब के बरसते डंडे के निशाने पर एक स्वास्थ्यकर्मी और गोद में उसकी बेटी भी आ गये। इस दौरान वो स्वास्थ्यकर्मी बेबस कहता नज़र आया कि साहब छोटा बच्चा है उसे लग जायेगी लेकिन दारोगा को तरस नहीं आयी। 

कानपुर पुलिस का बयान 

एसपी केशव चौधरी ने अपने बयान में कहा है कि रजनीश शुक्ला चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी द्वारा जिला अस्पताल के ओपीडी को बंद कर दिया गया। और डॉक्टरों को मरीजों को देखने से मना किया जाने लगा। अराजकता का माहौल हो गया। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने भीड़ को हटाया। इस क्रम में एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में पुलिस इंस्पेक्टर एक बच्ची को गोद में लिये व्यक्ति को लाठी से मारते हुये दिख रहा है। जो पुलिस की असंवेदनशीलता को प्रदर्शित करता है। 

थानाध्यक्ष विनोद कुमार मिश्रा को निलंबित कर दिय गया है। और पूरे प्रकरण की जांच के लिये एडिशनल एसपी को जिम्मा सौंपा गया है। जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आयेंगे उसके अनुसार विभागीय कार्रवाई की जाएगी। 

(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)

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